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बोधन
६९-७०
धर्मपुरी (बीड, महाराष्ट्र ) लिपि - ११वीं सदी की, कन्नड
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(१) यह लेख खण्डित है । इस मे यापनीय संघ का तथा प्रशस्ति लेखक के रूप मे ईश्वरभट्ट का उल्लेख है । ( २ ) इसमे यापनीय संघ - वदिपूर गण के महावीर पण्डित को पोट्टलकेरे पंचपट्टण की ओर से कुछ गयी थी । ये पण्डित धर्मपुर की ( बेसकि )
करों की आय अर्पित की सेट्टि बसदि के प्रमुख थे
।
रि० ३० ए० १६६१-६२, शि० क्र० बी ४६०-१
७१
ततिकोण्ड ( वरंगल, आन्ध्र ) लिपि - ११ वी सदी की, संस्कृत-कन्नड
इस अधूरे लेख में चन्द्रसूरि नयभद्रसूरि तथा मुनिसुव्रत का नामो
ल्लेख है ।
रि० ३० ए० १६५७-५८, पृ० २४, शि० क० बी ४१
७२
बोधन (निजामाबाद, आन्ध्र )
११वीं सदी का अन्तिम या १२वीं सदी का प्रारम्भिक माग,
संस्कृत-कन्नड
किले मे रखे हुए एक स्तम्भ पर यह लेख है । इस मे चालुक्य सम्राट् त्रिभुवनमल्ल के राज्य-काल में एक जिन-मन्दिर को मिले कुछ दानो का वर्णन है । श्रेष्ठिकुल के कुछ लोगो तथा नालिकाविका के नाम भी मिलते है ।
रि० ६० ए० १६६१-६२, शि० क० बी ११५