Book Title: Jain Shila Lekh Sangraha 05
Author(s): Vidyadhar Johrapurkar
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 54
________________ ५० जैन - शिलालेख संग्रह १०८ सोनागिरि ( दतिया, मध्यप्रदेश ) सं० १२३६ = सन् ११८०, संस्कृत - नागरी यहाँ का पहाडी पर मन्दिर न० ३४ में एक जिनमूर्ति के पादपीठ पर यह लेख है । स्थापना के उक्त वर्ष के अतिरिक्त अन्य भाग अस्पष्ट है । रि० १० ए० १६६२-६३ शि० क्र० बी ३६२ ५०० हस्तिनापुर ( मेरठ, उत्तर प्रदेश ) |स० १२३७ = सन् ११८०, नागरी संस्कृत १ संवत १२३७ बैसाख सुदि १२ सोमे २ श्री अजयमेर वास्तव्य खंडेलवालान्त्रये [ १०८ ३ साधुश्री देवपालपुत्र वील्हा तस्य ४ मार्या खोद्री तेषामर्थे ढील्ली ५ स्थितेन पुत्रनेमिचद्रेण श्रीमतिनाथस्य ६ प्रतिमा कारापिता नित्यं प्रणमति ७ सत्रकारवस्ते पुत्रस्य सामलमाहव ८ गंगाधरस्य घटितां उपर्युक्त लेख हस्तिनापुर के दि० जैन मन्दिर मे रखी हुई काले पाषाण की श्री शान्तिनाथ की मूर्ति के पादपीठ पर है। मूर्ति की स्थापना अजमेर के खण्डेलवाल जाति के साधु देवपाल के पुत्र वोल्हा तथा उन की पत्नी खोद्री के लिए उन के पुत्र ढोल्लो ( दिल्ली) निवासी नेमिचन्द्र ने की थी । स्थापना- तिथि पहली पक्ति मे अकित है । आखिरी दो पंक्तियों

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