Book Title: Jain Darshan Me Panch Parmeshthi
Author(s): Jagmahendra Sinh Rana
Publisher: Nirmal Publications

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Page 7
________________ शुभाशीष जिन सासणस्स सारो चउदस पुंब्बाण जो समुद्धारो। जस्स मणे नमोकारो संसारो तस्स कि कुणई॥ नवकर महामंत्र जैन धर्म का प्रभावशाली अनादि सिद्ध मंत्र है। जैन परम्परा की मान्यता है कि इस मंत्र में सम्पूर्ण जैन वाड़मय का अर्थात् चौदह पूर्व के विशाल श्रुत-ज्ञान का सार विद्यमान है। जैनाचार्यों की धारणा है कि चौदह पूर्व का विशाल ज्ञान एक तरफ और नवकार मंत्र की महत्ता एक तरफ है। चौदह पूर्व का सार इसलिए है कि इसमें समभाव की प्रधानता का समग्र दिग्दर्शन हुआ है तथा गुण पूजा की भी महत्ता पर प्रकाश पड़ता है / जैन धर्म और संस्कृति का प्रवाह समता को लक्ष्य में रखकर प्रवाहित हुआ है, यह मंत्र भी इसी दिव्य समभाव का प्रमुख प्रतीक है। इस मंत्र की सर्वाधिक विशेषता यह है कि इसमें बिना किसी जाति, धर्म व सम्प्रदाय के भेद से संसार की समस्त महान् पवित्र व उच्च आत्माओं को श्रद्धा व भक्ति-पूर्वक नमस्कार किया गया है। नवकार मंत्र व्यक्ति वाचक ने होकर गुण वाचक है अर्थात् इसमें व्यक्ति को नहीं अपितु आत्मा के उच्च गुणों को वन्दन किया जाता है। अन्य दर्शनों में मंत्रों का सम्बन्ध राम, कृष्ण, ब्रह्मा, विष्णु, शिव, दुर्गा, काली आदि अन्य देवी-देवताओं के साथ होता है लेकिन जैन परम्परा का यह मंत्र सर्वथा गुण निष्पन्न है। जगत् में आत्मोपलब्धि हेतु जिन गुणों की आवश्यकता होती है, उन सभी गुणों का समावेश इस महामंत्र में विद्यमान है। इसलिए जिनवाणी या द्वादशांगी के पंचम अंग भगवतासूत्र का मंगलाचरण इसी मंत्र के माध्यम से हुआ है। ___ नवकार महामंत्र एक लोकोत्तर मंत्र है जिसकी अपरिमेय शक्ति और अप्रतिहत प्रभाव है। लोकोत्तर मंत्र द्वारा लौकिक व लोकोत्तर दोनों कार्य सिद्ध होते हैं। इस मंत्र द्वारा साधक आत्मा की प्रसुप्त शक्तियों को अनावृत्त करता है। आध्यात्मिक शक्तियों को जागृत करके साधक वासनाओं का नियमन कर लेता है। यह मंत्र इसलिए भी सर्वश्रेष्ठ है कि इसके स्रष्टा लोकश्रेष्ठ महापुरुष है। जैन धर्म का विश्वास है कि इस मंत्र का प्रतिपादन तीर्थंकरों द्वारा हुआ है, और इसकी सूत्रबद्धता गणधरों द्वारा हुई है। इसका वाच्यार्थ लोकोत्तर पुरुषों को नमस्कार स्वरूप है। विधि पूर्वक त्रियोग शुद्धि के साथ नवलक्ष नवकार का जपार्थी तीर्थंकर बनने की संभावना अपने में पैदा करके सदाकाल के लिए

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