Book Title: Gyan Shabdakosh
Author(s): Gyanmandal Limited
Publisher: Gyanmandal Limited

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Page 8
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संकेत-सूची *-पद्यमें प्रयुक्त +-स्थानिक अ०-अव्यय [अ०]-अरबी अ.क्रि०-अकर्मक क्रिया (आ.)-आधुनिक (आयु), (आ००)-आयुर्वेद (इ.)-इत्यादि (उ०)-उदाहरण उप०-उपसर्ग कबीर-कबीर-ग्रंथावली क कौ०-कविताकौमुदी, प्र. भाग कविता०-कवितावली (का)-कानून (को०)-कौटिल्य (क)-कचित् गीता-गीतावली (ग्रा०)-ग्राम्य ग्राम-ग्रामगीत (ज)-जरमन (ज्या०)-ज्यामिति (ज्यो०)-ज्योतिष [तु]-तुर्की दीन-दीनदयाल ग्रंथावली दे०-देखिये (ना.)-नाटक (न्या०)-न्याय पग-पद्मावत [पा०]-पाली पु०-पुंलिंग (पु.)-पुराण प्र०-प्रत्यय (प्रा.)-प्राचीन [फा०]-फारसी []-फ्रेंच (बहु०), (बहुव०)-बहुवचन बि-बिहारी-रत्नाकर बुंदेल-बुंदेलखंडी (बो०), (बोल०)-बोल-चाल (बौद्ध)-बौद्धसाहित्य (भाग०)-भागवत भू-भूषण-ग्रंथावली भू० क्रि०-भूतकालिक क्रिया मति-मतिराम-ग्रंथावली (मनु)-मनुस्मृति (मी०)-मीमांसा (मुसल)-मुसलमानों में प्रचलित [यू.]-यूनानी (योग)-योगशास्त्र (रघु)-रघुराजसिंह कृत रामस्वयंवर रतन-रतन-हजारा रत्ना-रत्नाकर-ग्रंथावली (रा०)-रामायण राम-रामचंद्रिका रामरसा-रामरसायन रामा०-रामायण, तुलसीकृत ललित०-ललित ललाम (ला)-लाक्षणिक [लै०]-लैटिन (लोक)-लोकप्रचलित (वा.)-वाक्य वि०-विशेषण विद्या-विद्यापति-पदावली विनय-विनयपत्रिका, तुलसीकृत वि० स्त्री-विशेषण स्त्रीलिंग (वे.)-वेदांत (वै०)-वैदिक (व्यं०)-व्यंग्य (व्या०)-व्याकरण [सं०]-संस्कृत स० क्रि०-सकर्मक क्रिया सत्यना०-सत्यनारायण कविरत्न सर्व-सर्वनाम (सांख्य.)-सांख्यशास्त्र (सा)-साहित्य साखी०-कबीर साखीसंग्रह सुंदर-सुंदरविलास सुजान०-सुजानचरित सुदामा०-सुदामाचरित सू-सूरदास (सूफी)-सूफीमत (स्त्रि०)-स्त्रियों की बोल-चाल स्त्री०-स्त्रीलिंग (स्मृति०)-स्मृतिग्रंथ हरि-हरिश्चंद्र, भारतेन्दु (हिं.)-हिंदीमें प्रयुक्त अर्थ [हिं०]-हिंदी भाषाका शब्द - - For Private and Personal Use Only

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