Book Title: Geet Vitrag prabandh
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 62
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अष्टमः प्रबन्धः . कनककमलसुमधूलिपिधाने घनसदमलजलखातनिदाने । राजित आर्य राजितो राजितो विषये वरधीधरः ॥ ३ ॥ कुसुमरसविधृतवातनिवासे कुसुमितसुरतरुराजिविभासे । राजित आर्य राजितो राजितो विषये वरधीधरः ॥ ४ ॥ अमृतसदृशरसधृतमदिराङ्ग कमनमधुररवभृततूयोङ्ग । राजित आय राजितो राजितो विषये वरधीधरः ॥ १५ ॥ कटकमकुटचयचितभूषाङ्ग स्फुटितकुसुमसुघटितमाल्याङ्गे । राजित आर्य राजितो राजितो विषये वरधीधरः ॥ ६ ॥ निरसिततिमिरविसरदीपाङ्गे वरविधुरविघृणिजितदीप्त्याङ्गे। राजित आर्य राजितो राजितो विषये वरधीधरः ।। *७ ।। सैदनसदशनदगृहलेपारु सदमलवितरणपटपात्राङ्ग। २) सद् + अशन + द । For Private And Personal Use Only

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