Book Title: Geet Vitrag prabandh
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 75
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १४ गीतवीतरागप्रवन्धर मण्डितकुण्डलमजुकपोला खण्डितहंसवधूगतिलीला। काचिदमलगुणाकरा युवती वरपतिमुदिता ॥ ४ ॥ क्षितिपतिलोचनभाजनहसना विततविकूजितततियुतरसना । काचिदमलगुणाकरा युवती वरपतिमुदिता ॥ ५ ॥ मलयजकल्कविलिप्तसदङ्गा ललितजलजदलविचलदपाङ्गा । काचिदमलगुणाकरा युवती वरपतिमुदिता ॥ ६ ॥ धुतिचयनिचितसुमृदुतनुसारा पतिमतिहितदगुणाब्धिगभीरा । काचिदमलगुणाकरा युवती वरपतिमुदिता ।। *७॥ अनघजिनपपदयजनविलोला जिनमुनिजनपदविनमनशोला । काचिदमलगुणाकरा युवती वरपतिमुदिता ॥ ८॥ विलुलितगुणसारः सत्यवाणीसुधारः रिपुकुलबलदारो विश्वविद्याविचारः। जितसकलधरेरा पूर्णपुण्यानुसारः शमितमदनघोरः सार्वकारुण्यधारः ॥ ३ For Private And Personal Use Only

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