Book Title: Dwadash Koshanam Sangraha
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हारावली३३ JALA - nema - HEL a Mame स्वाध्यायोनिराकृति:॥ ब्रह्मवादःश्रुतादानंर विश्वकद्ररखेति / २॥२१॥हिंसालुकःरवादुकःश्वायोगितोलर्क र इष्यतााट्री गडस्तूर्यगड-रस्थादादोमुकुर:स्मृतः॥२२॥राहत्स्टोर / |सोन: स्याद्वंगरीकोलनासिकारमयट-स्तृणहर्म्यः स्यात् गोमेचमेडयः॥२॥स्त्रवद्रंग-पणग्रथिः श्चितिकाटिश खिलाविशारदाप्रसिद्धेस्यात्श्रीलक्ष्मीरिदिरा३मता२४|| in तिपादावधिः॥ ॥प्राकशालाहकशब्दाद(पादैरतः। परंशब्दाः। नानार्थाअपिशब्दैगजशब्दालभृतिविज्ञेया:२२५) i - -- ma n oNORITUTERRIBE R Em R IA|धीतांजल्या:२टुग्धपादनम्यरक्षशंकरस्य अमिरुनः॥२०॥ कालराज्या: अस्वाध्यायस्य ब्रहावादस्परमृगयाकुशलशुनः 9215 हिंसालकशनः२उन्मतशुनः सूर्पविशेषस्य आदर्शस्यालसुन स्य कोलनासिकायाः२ तायुक्तहर्म्यस्य २शस्यरक्षार्थकुटीरस्प४२३|| पणग्रंथेः२ कटिशृंखलायाः२प्रसिद्धम्य र लक्ष्म्याः 2 // 225 // // ॥अथनानार्थः॥ क्षीरदारोगुडक्षोदेगुहेमधनिष्यतारूपीदपानमिळंतिकेनिपा| तेचवारिधौरहारसालारमनायास्यान्मथितेदनिपाणिनागा पांचलोदेश्रुतिकतःप्रावि तेसरीपेक्षाविदोद्रौलवणेपि || विभूषिकेरवदिपिचवितंडाकरवीर्याचदर्विवादप्रभेट्योः॥२८॥ कारंडवकरंडःस्थाप्रकोपेदलादले खटाले पाण्यधरूपे || प्रहारांतस्कयोः // 39 // पे छापूगछा कोषेचोलिकामणिलाला योपिछलोस्फोटिकावालारामावातानुपाशवः३०॥ धरो कुरो। वायुफलेनासीराशो करेपिचकोट्टारीनागरे पेयष्कारेण्याच पाटके॥३१॥ नागोजनानागयष्टिकारसुंदरिकाकृचित्"पूल्य डापूतिकीटेचगंधकीटेचरश्यते३३॥ कटुकायां कंचटकेकाथ॥ lomaasee -m.ve-i- ram meme -man- n amenat a mmne-... For Private and Personal Use Only

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