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स्वस्थ हो तो व्यक्ति अपना कल्याण कर सकता है और दूसरों की त्रासदी को दूर कर सकता है। मन को स्वस्थ बनाने का छोटा-सा उपक्रम है अणुव्रत की शरण स्वीकार करना। अणुव्रत की चर्चा, अणुव्रत साहित्य का स्वाध्याय और अणुव्रती लोगों का संपर्क-यह त्रिपदी मनोवृत्ति के परिमार्जन की त्रिपदी है। इसक सहारे अणुव्रत लोकजीवन में उतर जाए तो अपराधी लोगों की दिशा बदली जा सकती है।
मनोवृत्ति के परिमार्जन की त्रिपदी : १३३
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