Book Title: Diye se Diya Jale
Author(s): Tulsi Acharya
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 209
________________ Jain Education Internationa जन्म : लेखक की प्रमुख कृतियां दीक्षा : आचार्य : अणुव्रत - प्रवर्तन : युगप्रधान : भारत ज्योति : वाक्पति : १४ जून १९९३ लाडनूं (राजस्थान) वि. सं. २०५० आषाढ कृष्णा दसमी ३१ अक्टूबर १९९३ नई दिल्ली इंदिरा गांधी : राष्ट्रीय एकता पुरस्कार : वि. सं. २०५० कार्तिक कृष्णा एकम गणाधिपति : १८ फरवरी १९९४ सुजानगढ़ (राजस्थान) · २० अक्टूबर १९१४ लाडनूं (राजस्थान) वि. सं. १९७१ कार्तिक शुक्ला द्वितीया ५ दिस्मबर १९२५ लाडनूं (राजस्थान) वि. सं. १९८२ पोष कृष्णा पंचमी २७ अगस्त १९३६ गंगापुर (राजस्थान) वि. सं. १९९३ भाद्रपद शुक्ला नवमी २ मार्च १९४९ सरदारशहर (राजस्थान) वि. सं. २००५ फाल्गुन शुक्ला द्वितीया ४ फरवरी १९७१ बीदासर (राजस्थान) वि. सं. २०२६ माघ शुक्ला सप्तमी १४ फरवरी १९८६ उदयपुर (राजस्थान) वि.सं. २०४२ माघ शुक्ला पंचमी • कालूयशोविलास डालिम चरित्र माणक महिमा मगन चरित्र सेवाभावी वि. सं. २०५० माघ शुक्ला सप्तमी प्रमुख कृतियाँ मां वदना चन्दन की चुटकी भली : नन्दन निकुंज सोमरस भारत मुक्ति पानी में मीन पियासी जैन सिद्धान्त दीपिका • मनोनुशासनम् दोनों हाथ एक साथ भिक्षु न्याय कर्णिका : : मुखड़ा क्या देखें दर्पण में जब जागे तभी सबेरा लघुता से प्रभुता मिले मनहंसा मोती चुगे दीया जले अगम का बैसाखियां विश्वास की कुहासे में उगता सूरज जो सुख में सुमिरण करै सफर आधी शताब्दी का जीवन की सार्थक दिशाएं समता की आंख: चरित्र की पांख 1. अनैतिकता की धूपः : अणुव्रत की छतरी 00 : अणुव्रत के आलोक में राजपथ की खोज अणुव्रत : गति भगात बून्द भी लहर भी www.jainelibrary.org

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