Book Title: Dipalika Kalpa Sangraha
Author(s): Chandanbalashreeji
Publisher: Bhadrankar Prakashan
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८५
७७
८२
७०
२२८]
[दीपालिकापर्वसंग्रहः ॥ [ल] संख [ ]
८२ लच्छी [जालासव्वत्ती]
| संगअ | [कुलगर] ८१, १३६ लवणदेवी [गावी]
७९, १३२ संगम लिच्छई [गण]
संपइ [राया]
६९, ८४, ८६ लोगदेव [नेमित्तिअ]
७३ संभूअ [आयरिय] १२८, १३० लोहजंघ [भाविपडिवासुदेव] ८२, १३७ | संभूइविजय [व] संमुई । [नरवई]
८१, १३६ वइसाह [ मास] ७०, ८६, १२४ सुमई । वज्जजंघ | [भाविपडिवासुदेव] ८२ | संमुची [ कुलगर] वयरजंघ
संवर [भाविअट्ठारसतित्थयर] ८२, १३६ वद्धमाण [जिणेसर] ६९, १२४ | सग [राया ] वयर [सामी]
१३० सच्चई [ ] वाणिअ [गाम]
| सच्चसिरी साविया]
८०, १३४ विक्कम [ राया]
समाही [भाविसत्तरसतित्थयर] ८२, १३६ विक्कम [वरिस]
७८,८६
सयंपभ [ भाविचउत्थतित्थयर] ८२, १३६ विक्कमाइच्च [राया]
सयकित्ती [भाविदसमतित्थयर] ८२, १३६ विजअ [ भाविवीसइमतित्थयर] ८२, १३६ सयग [ ]
८२ विज्जाहरिया [साहा] १३० सयदार | [पुर]
८१, १३६ विण्हु । [जालापुत्त-रिसी] ८४, ८५,
सयद्दार | विण्हुकुमार |
सयाली [ ] विमल [भाविचक्कवट्टी] ८२, १३६ सव्वाणुभूई [भाविपंचमतित्थयर] विमलवाहण [कुलगर] ८१, १३६
१३६ विमलवाहण [भाविपढमतित्थयर] ८१ सहदेव [पंडव]
७७ विमलवाहण [भाविचक्कवट्टी] १३६ सामाय [ कुडंबी] विमलवाहण [राया] ८०, १३५ सायबुद्ध [ ] वीर [जिणेसर] ६९, १२३, १२४, साल [रुक्ख]
१२४ १२५, १२९, १३७ | सावत्थी [नयरी]
७० वीरथूभ [ ठाण]
सिंधु [नई]
८१, १३५ वुड्डवाई [ सूरिवर]
१३० सिज्जंभव [पभवसीस]
१३० वेयड्ड [ पव्वय] ८१, १३५ | सिद्धत्थ [ रण्णो]
६९, १२४ वेसाली [नयरी]
सिद्धत्थ [वाणिअ] वैर [वयरसीस]
सिद्धसेण [दिवायर]
१३० 1 [स]
सिरिचंद [ भाविचक्कवट्टी] संकरिसण [भाविबलदेव]
सिरिदंत [भावियक्कवट्टी] १३६
८२.
१२४
८२
८६
८२
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