Book Title: Dighnikayo Part 4
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri
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[अ-अ]
सद्दानुक्कमणिका
अत्तभावपटिलाभो-२८२ अत्तमना-११०, १७०, १९३, २३९, २५४ अत्तसम्मापणिधि-३० अत्तसिनेहञ्च - २४७ अत्ताति-९०, ९१, ९२, १०१, १०२, २५४, २७९ अत्तादानपरिदीपनं-५४ अत्तानं परिमोचेति-३१ अथस्साचरियो-१९७ अदस्सनीया-४० अदातुकामताय-६७ अदिट्ठजोतना पुच्छा-६४, ६५ अदिन्नादानं-६६, २४६ अदुक्खमसुखीति-१०२ अदोसकुसलमूलजनितकम्मानुभावेन-२०२ अद्धमासिकन्ति-२६४ अद्धानइरियापथा-१६४ अद्धानमग्गं-३६, १७३ अधम्मानुलोमपटिपदं -३७ अधम्मो-५,८६ अधिकरणसमथाति-१३ अधिचित्तसिक्खा-२०,२७६ अधिचित्तसुखं -१५० अधिच्चसमुप्पन्निका-८९,१०० अधिच्चसमुप्पन्नो-१०० अधिजेगुच्छं-२६७ अधिट्ठाय-५५,१२१ अधिपञ्जा-२६७ अधिपाधम्मविपस्सनाय-५९ अधिपचासिक्खा -२० अधिपञआसिक्खाति-२७६ अधिपतिलक्खणं-६० अधिमुत्तिपदानीति - ९० अधिमोक्खलक्खणं-६० अधिवचनपदानि-९० अधिवत्था-१५५,१६९,१७० अधिविमुत्ति-२६७
अधिसीलन्ति-२६७ अधिसीलसिक्खा-२०,२७६ अधिसीलसिक्खामत्तम्पि-२८० अधोमुखठपितं-१८५ अनग्गिपक्किका-२१८,२१९ अनच्छरियञ्चेतं-१२९ अनतिवत्तनलक्खणं-६१ अनत्थजननो-५०,५२ अनत्थविज्ञापिका-७० अनत्ताधीनोति-१७२ अनत्तानुपस्सनाय -५९ अननुलोमपटिपदं-३७ अनन्तसञ्जी- ९८ अनन्तं-९८,२९४ अनभिभूतोति-९६ अनभिरतीति-९५ अनभिसित्ता-२०७ अनयब्यसनं-३७ अनवक्खित्तो-२२७ अनवज्जसञी-२२ अनवज्जसुखन्ति-१५० अनवज्जो-१८९ अनवयोति-२०१ अनागतकोट्ठाससङ्खातं-१०१ अनागतपच्चुप्पन्नानं-२८४ अनागामिमग्गेन-५९,२७६ अनागामी- १०८ अनाचारभावसारणीयं-२०५ अनाथपिण्डिकस्स- २४३,२७१ अनाथपिण्डिको-२५७ अनाथमनुस्से- १६२ अनाथसालायं-१६२ अनापत्ति - २५,८८ अनारद्धचित्तो-२९३ अनावत्तिधम्मोति-२५२ अनाविलोति-१८३
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