Book Title: Dighnikayo Part 4
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri
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नागदासो - १२८
धातुसमूहं - १६१,१६२ धारणबलं - २८ धारेतीति - १२१, १८५, २००
नागराजा - ४०
- १६१
धुतङ्गसमादानवसेन - २६० धुतधम्मा- २
धुतवादी - १५६ धुनन्तो - २१६ धुवस - ५९ धोवनं - ७७
नागवम्मिकरुक्खादयो नागसेनत्थेरेनेव - २२२ नागसेनाति - २२३ नागावाससतेति - १३५ नागतस्स - २५० नाटक परिवारं - १२७ नापुत्तवादे -१३८ नापुतो - १२१ नादिब्रह्मचरियकन्ति - २८० नानत्तसञी - १०२ नानप्पकारपटिवेधाभावतो - ३० नानाकारनिद्देसो - २९ नानाकीळायो - १९४ नानातित्थिया - २७४ नानाधिमुत्तिकताञाणेन - ४३ नानानयनिपुणमनेकज्झासयसमुट्ठानंनानापथमण्डलं – ७८
न
नक्खत्तकीळाय - १२४ नक्खत्तदिवसे- १७३, १७५ नक्खत्तपथं - ४८ नक्खत्तं - ८५, ९७, ११८, १७३, १७५
नखपत्ततुण्डादीहि - १६९ नगरद्वारसमीपं - २७२ नगरद्वारे - २४३ नगरभागेन - २४३ नगपरिब्बाजको - २५९ नच्चगीतवादितविसूकदरसना - ७१
1
नतिट्ठभद्दन्तिको - २६४ नत्थुकम्मन्ति - ८६ नदिञ्च - ३५ नदीतित्थपब्बतादीसु - १९९ नन्दिमित्तो - ८० नन्दो - १३५, १५७, १५८
नमनलक्खणं - ६० नरकपपातं - ३७, २९८ नलाटच्छादनेन - २२३ नवङ्गानि -
- २५
नवसत्थुसासनं - ३८ नवपरिक्खारिकस्स - १६८ नवलोकुत्तरधम्मनिस्सितं - २८० नवानुपुब्बविहारछळभिञ्ञाप्पभेदे - ४
दीघनिकाये सीलक्खन्धवग्गट्ठकथा
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नानारम्भणा - २५३ नानावेरज्जका - २२६ नामकायो - १७६ नामगोत्तन्ति - २०८, २३३ नामञ्च रूपञ्च - २९५
नामरूपनिरोधाति - १०८ नामरूपपरिच्छेदकथाति - २० नामरूपपरिच्छेदो - २० नामरूपसमुदया- १०८ नासिकग्गे - १७१
नासिकसोतानुमसनेन - २२३
नालन्दा - ३५ नाळागिरि - १२८ नाळिके - २१५ निकायोति - २३ निक्खित्तकम्मट्टानं - १५३ निक्खित्तदण्डो - ६६
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- २८
[न-न]
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