Book Title: Dighnikayo Part 4
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

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Page 366
________________ [प-प] सद्दानुक्कमणिका [३५] पिळन्धन्तो-७२ पीठं-४७,१३५, १७० पीतकसिणं-५४ पीतरस्मिअत्थाय-५४ पीति-५१, ९५, १७६,२८३ पीतिपामोज्जञ्च - २२३ पीतिभक्खा - ९५ पीतिसम्पयुत्तचित्तस्स - १७६ पीतिसम्बोज्झङ्गस्स-६० पीतिसुखं -४ पीतिसोमनस्सं-५१ पीळका- ११७ पीळासङ्घातो-२४४ पुग्गलकिच्चनिद्देसो-३० पुग्गलकिच्चप्पकासनं-२९ पुग्गलधम्मदसा-१८६ पुग्गलपञत्ति-१७ पुग्गलाधिट्ठानं-१९२ पुच्छानुसन्धि-१०४ पुच्छावसिको-४८, ४९ पुच्छाविस्सज्जनं -८७,८९,२९४ पुञकम्म-९५,२४०,२४५ पुञ्जकिरियवत्थूसु-१८७ पुञक्खया – ९५ पुञबलेन - ९५ पुञ्जसम्पत्तिया-२६१ पुटंसो-२३२ पुट्ठपऽहं - २६९ पुण्डरीकोति-२२९ पुण्णकजातके-१४६ पुण्णचन्दसस्सिरिकं - २३१ पुण्णचन्दो - ४०, १२७, २५० पुण्णत्थेरो-७ पुण्णमायाति-११८ पुण्णो मन्ताणिपुत्तो-१५६ पुत्तघराचिक्खणं- २७७ पुत्तमंसूपमं-४९ पुथुचित्तसमायोगतो-८७ पुथुज्जनकल्याणकादयो-१८२ पुथुज्जनभिक्खुनो-२१७ पुथुज्जनभूमियं - २३५ पुथुज्जनोति-५६ पुथुतिस्थकरानन्ति-२३२ पुथुसिप्पायतनानीति-१३० पुनब्भवोति-५७ पुष्फगन्धो-५३ पुप्फफलसम्पन्नो-२७१ पुब्बकइसिभावानुयोगवण्णना-२२०, २२१ पुब्बचेतना -२४१ पुब्बण्णादीनि-२१८ पुब्बण्णापरण्णादिभेदं-१९९ पुब्बनिमित्तभावेन-५७,५८ पुब्बनिमित्तं-५८ पुब्बन्तकप्पिकाति-९० पुब्बन्तकप्पो-८९ पुब्बन्तानुदिट्ठिनो- ९० पुब्बपेतकथाति-८१ पुब्बभासीति-२३१ पुब्बापरकुसलोति-२८ पुब्बुट्ठायी-१३९ पुब्बेनिवाससाणलाभी - १८१ पुब्बेनिवाससाणं-१८३ पुब्बेनिवासानुस्सतित्राणलाभिनो-१०२ पुब्बेनिवासानुस्सतिआणं-२४८ पुराणचीवरं-१६६ पुरिमचक्कद्वयसम्पत्तिं -३० पुरिमचक्कद्वयसिद्धिया-३० पुरिमपच्छिमकथा- २३६ पुरिमयामकिच्चं-४४,४५ पुरिमसञानिरोधं-२७८,२७९ पुरिमसिद्धि-२०३ पुरिसभूमियोति-१३५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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