Book Title: Dighnikayo Part 4
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

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Page 376
________________ [व-व] सद्दानुक्कमणिका [४५] वकारो-३०२ वङ्ककन्ति-७८ वङ्गीसत्थेरो-१४२ वचनत्थकोसल्लत्थं-१७,१८ वचनत्थलक्खणादिभेदतो-१७२ वचनपथमत्तकानि-२८४ वचनसण्हताय-७० वचनसम्पटिग्गहे-२७ वचीकम्मञ्च-१३४ वचीदुच्चरितं-२५४ वच्छतरसतानीति-२३७ वच्छो-१३५ वजिरपाणि-२१३ वञ्चनन्ति-७३ वञ्चनसाचियोगो-७४ वझोति-९१ वटरुक्खं-२५७ वट्टदुक्खतो- १०७ वट्टसम्बुज्झनत्थाय-२८१ वट्टपच्छेदोति-३८ वणपटिच्छादनमत्तेनेव-१६२ वणलेपनपुत्तमंसूपमवसेन - १५६ वण्टच्छेदा-१०९ वण्णपोक्खरता-२२७ वण्णवन्ततरो-९६ वण्ण-सद्दो-३७ वण्णसम्पत्तिं-१७९ वण्णारहस्सेव-३७ वत्थगुहं - २२२ वत्थसुत्ते-१०५ वत्थुकम्मन्ति-८६ वत्थुकामकिलेसकामेहि-२७० वत्थुपरिकम्मन्ति-८६ वत्थुविज्जाति-८३ वत्तपटिपत्तिं-१५३ वधकचित्तं -६५ वधकचेतना-६५ वनचरको-२११ वनपत्थन्ति-१७१ वनपब्भारं-१६९ वनमूलफलाहारा-२२१ वनवासी-१५५. वनसण्डं-१६९ वन्तगमनो-३४ वमनन्ति-८६ वयधम्मा-१६ वयानुपस्सनाय -५९ वयोअनुप्पत्तोति-१२०, २२८ वयोति-१७२ वरकल्याणो-२०८ वरमन्धाता -२०९ वररोजो-२०८ वरो-२०९,२८५ ववत्थापनवचनं-८७ वसनवनं-११३ वसनोकासोति-२१० वसली-२७ वसवत्तिभवनन्ति-४५ वसवत्तीति-९६ वसितगन्धकुटिं-८ वसिसतेहि-२ वसुन्धरं-५८ वस्सकम्मं-८५,८६ वस्सिकी-५३ वस्सूपनायिकाय-८ वाकचीरफलकचीरेसुपि-२६५ वाचाविक्खेपं- ९९ वाचासन्नितोदकेनाति-२८१ वाचितमनुवाचेन्तीति-२२१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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