Book Title: Dighnikayo Part 4
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

View full book text
Previous | Next

Page 387
________________ [५६] दीघनिकाये सीलक्खन्धवग्गट्ठकथा [स-स] सुद्धावासभूमियं - २५२ सुद्धावासा-२०१ सुद्धिकगाथा - २४ सुनक्खत्तो-२५१ सुनखिया-२५६ सुनखो-२६४, २८६, २८७ सुपण्णा -४८ सुपरिकम्मकतमत्तिकादयो-१८० सुपरिसुद्धं -३ सुपिनसतानीति-१३५ सुपिनं - ८२ सुपेसला-५३ सुप्पकासितन्ति-१४७ सुप्पतिहितचित्तो-१३८ सुप्पियो-३९, ४२,४३ सुप्पियोति-३६ सुभगकरणन्ति-८५ सुभट्ठायिनो-९५ सुभद्दकण्डं-५ सुभद्देन -३,७,४४ सुभसुत्तं -८,२८६ सुभासुभन्ति--२९४ सुभोति-१७९ सुमना-१६२ सुरत्तदुपट्ट-४५, २७२ सुलभपिण्डपातं-३९ सुवण्णचुण्णपिञ्जरं-१९८ सुवण्णदण्डा-५८ सुवण्णनावा-- ४० सुवण्णन्ति-७४ सुवण्णपाति-७३,२८७ सुवण्णपादुका-२८७ सुवण्णमाला -२८७ सुवण्णमासकरजतमासकादिवसेन -२३७ सुवण्णरसपिञ्जरानि-४४ सुवण्णसत्थकेन-११४ सुविसुद्धं - १४५ सुवुट्टिकाति-८४ सुसानलक्खणं-१७१ सूकरिका-१३४ सूचनतो-१७ सूचिविज्झनं-७० सूचिसुत्तचीवरकारकानं-७५ सूदनतो-१७ सूरकथापि-८० सूरियत्थङ्गमना-७१ सूरियुग्गमनतो-२४२ सेक्खपटिसम्भिदाप्पत्तं -६ सेक्खभूमि-१३५ सेक्खो -५, ६,१० सेखियानीति-१३ सेट्ठवण्णी-२२७ सेट्ठवसेनेव-१८७ सेट्ठिगहपतिनो-२४१ सेतकण्णिकं-१४३ सेतच्छत्तं-१९९ सेतुघातविरतीति-२४५ सेनाब्यूहन्ति-७७ सेनासनन्ति-१७० सेलस्स ब्राह्मणस्स - २२३ सोकपरिदेवदुक्खदोमनस्सुपायासा-१०३ सोकसल्लसमप्पितं-७ सोकोति-२७३ सोचयतोति-१३२ सोचापयतोति-१३२ सोणदण्डो-२२५, २२६, २२८, २३२, २३४, २३६ सोतद्वारानुसारविज्ञातधरोति -२९ सोतफस्सायतनं-१०६ सोतापत्तिफलादीनं-२५४ सोतापत्तिफले-११४, १९७, २९२ सोतापत्तिमग्गेन - ५९ सोतापत्तिमग्गं-१९२, १९७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410