Book Title: Dighnikayo Part 4
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

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Page 348
________________ [ख-ख] सद्दानुक्कमणिका [१७] कुललं-२९३ कुलापदेसं-२०६ कुलावकेति-२०८ कुलूपकसमणो-१२२ कुसचीरन्ति-२६५ कुसलकम्मपथे-९९ कुसलकिरियाय-१४८ कुसलधम्मसमादानेपि-२६८ कुसलाकुसलानन्ति -१३६ कुसावहारोति-६७ कुसिनारं-५ कुसुमगन्धसुगन्धे-२२५ कुसोब्भे-५५ कुहका-८२ कुहनवत्थूनि-२६१ कूटट्ठो-९१ कूटदन्तो-२४८ कूटागारसालतो-२५० कूटागारसालायन्ति-२४९ केणियजटिलो-२१८ केवट्टो-१०८ केवलपरिपुण्णन्ति-१४५ केवलं-२२, ३१,४८,८४, ९१,९६,१०५, १२६, १३४, १३८, १६४, २२२, २३७, २४४, २४५, २८८,२९७,३०४ केसकम्बलो-१२१,२६५ केसकम्बलोति-१२१ केसकम्बलं-१२१ केसन्तपरिच्छेदं-८० कोञ्चसकुणानं-२४६ कोञ्चो-२०८ कोटिप्पत्तचित्तो-१३८ कोट्ठागारंतिविधं-२३८ कोणागमनो-५६ कोण्डञ - १३० कोतूहलमङ्गलिको-१९०, १९१ कोतूहलसाला-२७४ कोमारभच्चजीवककथावण्णना-१२२,१२४ कोमारभच्चवेज्जकम्म-८६ कोमारभच्चो-११३, १२५ कोमुदियाति-११८ कोलनगरन्ति-२११ कोलम्बे-५५ कोलरुक्खं-२११ कोलाहलो-२३८ कोलियो-१८८ कोविळारपुप्फसदिसानि-२१० कोसम्बियं-२५६, २५७ कोसम्बिं-२५७ कोसलकाति-२४९ कोसलेसु-१९४, १९७ कोसलेसूति - १९४, २९६, ३०० कोसेय्यन्ति-७८ कोसोहितेति-२२२ कंसकूटं-७३ कंसथालेति-१७६ खग्गविसाणकप्पोति-१६९ खज्जोपनकं-२९३ खणिकनिरोधे-२७४ खणो-३२ खण्डफुल्लप्पटिसङ्खरणं-८,९ खत्तविज्जाय-२२० खत्तिया-२०६ खत्तियाभिसेकेन-१५० खत्तियो-९६, २१५, २१६, २५१ खदिरङ्गारेहि-११६ खन्ति-२८० खन्तिसंवरो-२६३ खन्धका-१६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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