Book Title: Dharmdipika Vyakaranam
Author(s): Mangalvijay
Publisher: Yashovijay Jain Granthmala
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________________ ( 463) अ. पा. सू. पृ. आतो डोऽहावामः / 5 / 1 / 71 / 282 आतो णव औः / 4 / 2 / 120 / 14 आत् सन्ध्यक्षरस्य / 4 / 2 / 1 / 26 आदितः / 4 / 4 / 71 / 313 आधाराच्चोपमानादाचारे / 3 / 4 / 24 / 216 आधारात् . / 5 / 1 / 137 / 291 आधारात् . / 5 / 4 / 68 / 395 आमः कृगः / 3 / 3 / 75 / 236 . आयुधादिभ्यो धृगोऽदण्डादेः / 5 / 1 / 94 / 285 आरम्भे / 5 / 1 / 10 / 276 आशिषि तुह्योस्तातङ् / 4 / 2 / 119 / 5 अशिषि नाथः . / 3 / 3 / 36 / 229 आशिषि हनः / 5 / 1 / 80 / 283 आशिषीणः / 4 / 3 / 107 / 87 शिष्यकन् / 5 / 1 / 70 / 281 आशिष्याशी:-पञ्चम्यौ / 5 / 4 / 38 / आशीः क्यात् क्यास्ताम् क्यासुस् / 3 / 3 / 13 / / आसुयुवपिरपिलपित्रपिडिपिदभिचम्या__ नमः ... / / 1 / 20 / 269
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