Book Title: Dharmdipika Vyakaranam
Author(s): Mangalvijay
Publisher: Yashovijay Jain Granthmala

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Page 809
________________ ( 498 ) ___अ. पा. स. पू. वाऽक्षः / 3 / 4 / 76 / 55 वा ज्वलादिदुनीभूग्रहास्रोर्णः / 5 / 1 / 62 / 280 वाऽटाट्यात् / 5 / 3 / 103 / 379 वाऽऽत्मने / 3 / 4 / 63 / 76,201 वादेश्च णकः / / 5 / 2 / 67 / 303 वाऽद्यतनीक्रियातिपत्त्योर्गीङ् / 4 / 4 / 28 / 99 वाऽद्यतनी पुरादौ / / 5 / 2 / 15 / 255 वा द्विषातोऽनः पुंस् / 4 / 2 / 91 / 85 वाऽऽधारेऽमावस्या / 5 / 1 / 21 / 270 वा परोक्षायङि . / 4 / 1 / 90 / 76 वा वेत्तेः क्वसुः / 5 / 2 / 22 / 298 वा वेष्टचेष्टः / 4 / 1 / 66 / 190 वा हेतुसिद्धौ त्त: / 5 / 3 / 2 / 367 विजेरिट / 4 / 3 / 18 / 154 वित्तं धन-प्रतीतम् / / 2 / 82 / 310 विद्-दृग्भ्यः कात्स्न्यें णम् / 5 / 4 / 54 / 391 विधिनिमन्त्रणामन्त्रणाधीष्टसंप्रश्नप्रार्थने / 5 / 4 / 28 / 4 विन्द्विच्छू / 5 / 2 / . 34 / 300 वियः प्रजने / 4 / 2 / 13 / 186

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