Book Title: Dharmdipika Vyakaranam
Author(s): Mangalvijay
Publisher: Yashovijay Jain Granthmala
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________________ ( 469) अ. पा. सू पृ. कदाकोनवा / 5 / 3 / 8 / 267 कमेणिक / 3 / 4 / 2 / 64 करणक्रियया क्वचित् / 3 / 4 / 94 / 251 करणाद यजो भूते 5 / 1 / 158 / 295 करणावारे / 5 / 3 / 129 / 385 करणेभ्यः / 5 / 4 / 64 / 394 कर्तरि / 5 / 1 / 3 / 275 कर्तयनभ्यः शव् कर्तुः क्विब् गरभक्लीबहोडात् तुङित् / 3 / 4 / 25 / 216 कर्तुः खश .. / 5 / 1 / 117 / 289 कर्तुर्मीव-पुरुषाद् ना-वहः / 5 / 4 / 69 / 395 कर्मणिन् / 5. / 1 / 153 / 294 कर्तृस्थामूर्ताऽऽप्यात् / 3 / 3 / 40 / 230 कर्मणोऽण / 5 / 1 / 72 / 282 . कर्मणोऽण् / 5 / 3 / 14 / 368 कर्मण्यग्न्यर्थे / 5 / 1 / 165 / 295 कषेः कृच्छ्र-गहने / 4 / 4 / 67 / 312 कष्टकक्षकृच्छ्रसत्रगहनाय पापे क्रमणे . . / 3 / 4 / 31 / 218
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