Book Title: Dharmdipika Vyakaranam
Author(s): Mangalvijay
Publisher: Yashovijay Jain Granthmala

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Page 802
________________ (491) अ. पा. स. पृ. मियो नवा / 4 / 2 / 99 / 108 भियो रु-रुक-लुकम् / 5 / 2 / 76 / 304 भीमादयोऽपादाने / 5 / 1 / 14 / 277 भीषिभूषिचिन्तिपूनिकथिकुबिचर्चिस्पृहितोलिदोलिभ्यः / 5 / 3 / 109 / 380 मीहीभृहोस्तिव्वत् . / 3 / 4 / 50 / 107 मुनि-पत्य दिभ्यः कर्मापादाने। 5 / 3 / 128 / 384 भुननोऽत्राणे / 3 / 3 / 37 / 229 भुवो वः परोक्षाऽद्यतन्योः / 4 / 2 / 13 / / भू-जेः प्णुक् / 5 / 2 / 30 / 299 भूतवच्चा शंस्ये वा / / 6 / 4 / 2 / 258 .. / 5 / 4 / 10 / 261 भू-श्यदोऽल् / 5 / 3 / 23 / 369 भूषाक्रोधार्थजुसृगृधिज्वलशुचश्वानः / 5 / 2 / 42 / 301 भूषार्थसकिरादिभ्यश्च निक्यौ / 3 / 4 / 93 / 251 भूस्वपोरदुतौ .. / 4 / 1 / 70 / / भृगो नाम्नि / 5 / 3 / 98 / 378 भृगोऽसंज्ञायाम् .. / 5 / 1 / 15 / 274 भृजो भञ् / 4 / 4 / / / 138

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