Book Title: Dharmdipika Vyakaranam
Author(s): Mangalvijay
Publisher: Yashovijay Jain Granthmala
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________________ खुको ( 482) ___अ. पा. . सु... पृ. न कवतेयङः / 4 / 1 / 47 / 198 नगरादगजे / 5 / 1 / 87 / 284 न गृणाशुभरुचः / 3 / 4 / 13 / 200 नग्नपलितप्रियान्धस्थूलसुभगाढ्य- . तदन्ताच्छ्यर्थेऽच्वेर्भुवः खिष्णु / 5 / 1 / 128 / 297 न जनवधः / 4 / 3 / 14 / 127 नमोऽनिः शापे / 5 / 3 / 117 / 382 न डीशीङ्पषिविदिस्विदि / 4 / 3 / 27 / 306 न णिङ्-यसूद-दीप-दीक्षः / 5 / 2 / 45 / 301 न दिस्योः / 4 / 3 / 61 / 103 ननौ पृष्टोक्तौ सद्वत् / 5 / 2 / 17 / 256 नन्यादिभ्योऽनः / 5 / 1 / 12 / 279 नन्वो; / 5 / 2 / 18 / 256 न प्रादिरप्रत्ययः / 3 / 3 / 4 / 1 नमोवरिवश्चित्रडोऽर्चासेवाऽऽश्वयें। 3 / 4 / 37 / 219 न वयो य / 4 / 1 / 73 / 74 नवा क्वण-यम-हस-स्वनः / 5 / 3 / 48 / 371 नवा परोक्षायाम् / 4 / 4 / 5 / 102 मिदः
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