Book Title: Dharma Sangraha Part 2
Author(s): Chandanbalashreeji
Publisher: Bhadrankar Prakashan

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Page 376
________________ ८०६] [धर्मसंग्रहः आसाढे मासे दुपया, [ओ.नि./२८४]३३० | इच्छा गम पाण ओसा, [वि.सा./७०९] २५४ आसायण तित्तीसं, [गुरु./३] २९९ | इच्छा य अणुन्नवणा, आसायणा उ भवभमण [आ.नि./१२३२] ३०१ [प्र.सा./४३७] २९३ | इच्छामि खमासमणो, [ बृ.वं.भा./७] ३१६ आसायणा वि णेवं, [आ.नि/७१४] ६५४ | इच्छामि पडिक्कमिउं, [य.दि./२३२] ५५४ आसुक्कारोवरए, [व्य.भा.४/१७२] ७४१ | इणमच्चंतविरुद्धं, [ ] २७९ आसेवणाकसाए [प्र.सा./७२५] ७२१ इणमो सव्वमवि [म.नि.१/१२] ७४४ आस्तिकमतमात्माद्या [ ] | १७३ | इतरेसु पोरिसितिगं, [ओ.नि./२९३] ५१५ आहकम्मुद्देसिअ [ प.व./७४१] ५२८ | इत्तरिअं पि न कप्पइ, [आ.नि./७२१] ६५६ आहाकम्मनिमंतण इत्तरिआइ विभासा, [आ.नि./७१९] ६५५ [व्य.पीठिका/४३] ६९८ | इत्तो चेव जिणाणं, [सं.प्र./१६१] २४३ आहारे खलु सुद्धी, [य.दि./१८०] ५४२ | इत्थं पमायखलिआ, [प.व./१८] ४७४ आह्वानोत्पादितप्रीतिः, [नी.शा.] ३६६ | इत्थि दिअत्थसंसार, [ध.र./५७] ८६ इत्थिकहा भत्तकहा [ स्था.सू.] इंतस्सणुगच्छणया, [ द.वै.नि./४८वृ.] ७०१ | इत्थिकहाऽऽसण- [ ] ६२७ इअ अट्ठारसभेआ, [प्र.सा./७९२] ४६७ | इत्थेव पत्थवंमी, [ प.व./४४३] ५८९ इअ अप्परिवडिए सम्मे, [ ] ६१ | इत्यनित्यं जगद्वत्तं, [यो.शा.४/६०] ६८२ इअ कम्मं उद्देसिअ- [पिं.वि./५३] ५३१ | इत्यादिसाधुवृत्तं, [षोड.२/११पू.] ३१ इअ भाइगयं उचियं, [हि.मा./२८३] ३५६ | इत्येकविंशतिविधा [ पूजा.२०] २३९ इअ वुत्ता सुत्ताओ, [पिं.वि./७६] ५३३ | इदानीं तद्विधिम् [ध.बि./५९] ३१ इअरम्मि विगप्पेणं, [पञ्चा.१२/१६] ६५० | इन्द्रियाण्येव तत्सर्वं, [ ] ११ इअरे पुण आयरियं, [ ] | इन्द्रोपेन्द्रादयोऽप्येते, [ यो.शा.४/६१] ६८२ इअरो अ गुरुसगासे, [ओ.नि./५२३] ५५५ इमो अववाओ- [ ] ७०९ इअ सामाइअउस्सग्ग- [प्र.स./१७] ३८५ | इमो पासत्थाइसु अववाओ त्ति- [ ] ७०९ इक्कं पि अह मुहुत्तं, [प.च.] ३४० इय दोसु वि पासेसु, [प.व./२३७] ५०० इक्कंगुलाइ पडिमा, [बि.प./१९] ४४७ | इयं बध्यमान- [ध.बि./१०४] ४३ इक्कासीई ते करण-[सं.प्र.श्रा./९] ११३ | इयरा वि हंदि एयंमि, [उ.प./४३४] २६ इक्केण कयमकज्ज, [प.व./५९१] १३४ इरिअं पडिक्कमंतो, [य.दि./४] ४९६ इक्षक्षीरगुडादीनां [ ] ६८ | इरिअं सुपडिक्कतो, [ ] ५०९ इग पणदिसिलोगगमो [ ] | इरिआ कुसुमिणसग्गो, [गु.भा./३८] २९९ इगपंचाइदिणूणं, [भा.य.दि./१४] ३८१ | इरिआ भासा एसण, [प्र.सा./५७१] ६८० इगवीसं खलु भङ्गा, [श्रा.व.भ.प्र.११] ९९ | इरिआचिइवंदण- [गु.भा./३९] २९९ इगुवन्नं खलु भङ्गा, [श्रा.व.भ.प्र.१३] ९९ | इरियावहिआए अपडि- [म.नि.] २५१ इच्चाइ चिंतयंता, [य.दि./३६६] ६४२ | इह कुणई अब्भासं, [ य.दि./५८] ३४० D:\d-p.pm513rd proof

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