Book Title: Dharma Sangraha Part 2
Author(s): Chandanbalashreeji
Publisher: Bhadrankar Prakashan

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Page 400
________________ ७७ ८३०] [धर्मसंग्रहः निदरिसणमित्थ [व्य.भा./४६८६] २५७ | नृभ्यो नैरयिकाः सुराश्च [ ] १३२ निद्दामतो न सड [आ.नि./१५२५] ३८० | नेरइआ सत्तविहा [वि.स./९] २५३ निहाविगहापरि- [पञ्च./१००६] ३४२ नेव अणालत्तो [प्र.सा.९३८] ७७ निपतन्त उत्पतन्तो, [ ] ३८ | नेव दारं पिहावेइ, [श्रा.दि./२२१] ३६५ निपानमिव मण्डूकाः, [ ] | नेव पल्हत्थिअं कुज्जा, निप्फत्तिं कुणमाणा, [श्रा.दि./८८] ३४२ [बृ.क.भा./१४४७] ७१४ | नैकपुष्पं द्विधा [ पूजा.१३] २३९ निम्मल्लं पि न एवं, [सं.प्र./१६०] २४३ | नैवाहुतिर्न च स्नानं, [यो.शा.३/५६] १३० निरतिशयं गरिमाणं, [ ] २१३ | नो अन्नतित्थिए [प्र.सा.९३७] निरयावलिसुत्ताओ, [ ] ४४७ | नो एगरायवासी [ ] ওওও निरर्थकश्चानुग्रह इति [ध.बि./११६] ४६ | नो खलु इत्थी [ या.त.] २८६ निरवज्जाहारेणं, [सं.प्र.श्रा./७०] १२५ | नो मे कप्पइ [ ] २०७ निरवज्जाहारेणं, [य.दि./१८२] ५४२ | नोपकारो जगत्यस्मिन् निरीहशक्यपालनेति [ध.बि./७०] ३६ 1 [ध.बि./१२-प.२९] ४९ निर्जरणलोकविस्तर- [प्र.र./१५०] ४९ | न्यायार्जितवित्तेशो, [षोड.६/२] ४४१ निव्वाणपुररहेहिं, [य.दि./३८४] ६४४ [प] निव्वुअजिणिंदसकहा [सं.प्र.दे./१७६] २२८ | पंच अहाजायाई, [प्र.सा./८६०] ३०१ निव्वोदगस्स गहणं, [ओ.नि./३५५] ५८७ | पंच चउरोभिग्गहि, [ आ.नि./१६०१] ३२७ निष्पन्नस्यैवं खलु, [षोड.८/१] ४४७ | पंच निअंठा भणिआ, निसग्गुवएसरुई, [प्र.सा.९५०] ६२ [प्र.सा./७१९] ७१९ निस्संकिय निक्कंखिय, पंच वि आयरिआई, [दश.वै.नि./१८२] ३७४ 1 [व्य.भा.३/६/१७३] ७३३ निस्सकडं जं गच्छ- [प्र.सा.६६१] २२१ | पंचंगो पणिवाओ, [चै.भा./१८] २५० निस्सकडमनिस्सकडे, पंचमगंमि अ सुहुमो, [पञ्च./६६०] ६९७ [बृ.क.भा./१८०४] २३३ पंचमहव्वयजुत्तो, [आ.नि./११९७] ३९२ निस्सकडमनिस्सकडे, पंचमहव्वयजुत्तो, [ ] ७२९ [बृ.क./१८०४] २४८ | पंचविहं आयारं, [आ.नि./९९९] ३०२ निस्सकडमनिस्सकडे, पंचविहायारविसुद्धि- [प्र.स./२] ३८४ [बृ.क.भा./१८०४] २३२ | पंचसमिआ तिगुत्ता, [उ.मा./३९१] ७१२ निःशूकत्वादशौचेऽपि, [ ] पंचानुत्तरसरणा [ ] ७६२ निःस्वान्धपङ्गवो [हा.अ.५-५] ५१९ पंचासवा विरमणं, [प्र.सा./५५] ६७६ नीओ तत्त्थणुदत्तो [बृ.वं.भा./२०] ३१७ पंचिदिअवहभूअं, [सं.प्र.श्रा./७४] १२७ नीचैर्भूमिस्थितं [पूजा.३] २३८ | पंचिदिअसंवरणो, [ ] ७२९ नीव्वोदगस्स गहणं, [पि.नि./३२] १४० | पंचेव आणुपुव्वी, [प्र.सा./६८९] ७२६ D:\d-p.pm513rd proof

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