Book Title: Devdravyadi Vyavastha Vichar
Author(s): Vichakshansuri
Publisher: Parshwanath Jain Shwetambar Mandir Trust

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Page 13
________________ से ग्रस्त रहे अतः उनको शुभ भाव की वृद्धि की संभावना ही नहीं रहती। (2) न्यायोपार्जित धनवाला। . न्याय से धन कमानेवाला हो। (3) योग्य राजादि द्वारा सन्माननीय। इसका कोई भी पराभव नहीं कर सके। (4) उत्तम कुलोत्पन्न उत्तम कुलमे जन्मा आदमी धर्म द्रव्यादि के वहीवट के कार्यों को अच्छी तरह पूर्णता तक पहुंचा सकता है। हलके कुल वाला तो बाधा या कठिनाई पड़ने पर बीच में से ही कार्य को छोड़ देता है। (5) अाद्र--हृदय की विशालता वाला यह समस्त कार्यों को सुन्दर ढंग से कर सकता है। क्षुद्र आदमी से तो कंजुसाइ वगैरे करने के कारण कार्य बिगड़ बाते है। __ (1) पति बलवाला '. यह आदमी कितनी ही कठिनाई वाले कामों में अपने मनको स्थिर, और समभाव में रख सकता है और काम को

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