Book Title: Chhandonushasan
Author(s): Hemchandracharya, H C Bhayani
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
View full book text ________________
[761 'रसिक रमणीओना मुखनी सुगंधथी लोभायेलुं भोळं आ भ्रमरवृंद एमनी आसपास भम्या करे छे, पासेथी खसतुं ज नथी ।' ।
ए प्रमाणे बाकीना पेटाप्रकारोनां उदाहरण जाणवां । षट्पद-उपजाति
जे षट्पदी ध्रुवामां त्रीजा अने छठ्ठा चरणमां दसथी शरू करीने सत्तर सुधीनी मात्राओ होय, अने बाकीनां चरणोमां आठ मात्राओ होय एवी ध्रुवानुं नाम उपजाति छ । तेना पण जातिनी जेम आठ पेटाप्रकार छ । (१६)
पहेला पेटाप्रकार, उदाहरण : इअ 'उवजाइ'हिं, सुरहिअ-वाइहिं, गुंजिर-घण-छप्पउ । उववणु सारउ, केअइ-फारउ, कसु नवि रइ अप्पउ ॥ २
___ 'जेनी समीपमां पवनने सुगंधित करी रहेली चमेली रहेली छे तेवू, जेना उपर भ्रमरवृंद गुंजारव करी रमु छे तेवू आ उत्तम केवडांगें उपवन कोने आनंद आपतुं नथी ?'
ए प्रमाणे बाकीना पेटाप्रकारोनां उदारहण जाणवां । षट्पद-अवजाति
जे षट्पदी ध्रुवाना त्रीजा अने छठ्ठा चरणमां दसथी शरू करीने सत्तर सुधीनी मात्राओ होय छे, अने बाकीनां चरणोमां नव नव मात्राओ होय छे ते ध्रुवानुं नाम अवजाति छे । आगळनी जेम तेना पण आठ पेटाप्रकार छे । (१७)
पहेला पेटप्रकारचं उदाहरण : इअ वण-राइहिं, अहिण वजाइ हिं, छप्पउ परिभमइ । मालइ-रत्तउ, महु-रस-मत्तउ, जलयागम-समइ ॥३
_ 'जेमां चमेलीओ विकसी रही छे तेवी आ वनराजिओमां वर्षाऋतुना आगमनकाळे मधुरसमां मत्त बनेलो, मालतीमां आसक्त एवो भ्रमर चोतरफ भ्रमण करे छे ।'
ए प्रमाणे बाकीना पेटाप्रकारोनां उदाहरणो जाणवां । __ आ रीते षट्पद-जाति, उपजाति अने अवजाति ए प्रत्येकना आठ आठ पेटाप्रकारो अनुसार षट्पदी ध्रुवाना चोवीश पेटाप्रकार थाय छ । चतुष्पदी ध्रुवा / वस्तुक
चतुष्पदी ध्रुवानुं बीजं नाम वस्तुक छ । तेना चार पेटाप्रकार छ : एकी चरण सरखां होय तथा एकी चरण अणसरखां होय ते रीते (१) जेमां एकांतरे समानता रहेली छे ते अंतरसमा, (२) जेमां पहेलुं अने बीजुं
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204