Book Title: Chhandonushasan
Author(s): Hemchandracharya, H C Bhayani
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 204
________________ हेमचंद्राचार्य- 'छंदोनुशासन' ए संस्कृत अने प्राकृत छंदोर्नु आठ अध्यायो अने 746 सूत्रोमां निरूपण करतो, तथा स्वरचित वृत्ति अने 1000 जेटलां उदाहरणो धरावतो, त्रण हजारथी पण वधारे श्लोकप्रमाण वाळो एक प्रमाणभूत अनन्य पिंगळग्रंथ छे। तेना प्राकृत-अपभ्रंश विभाग विशे ते विषयना सर्वाधिक निष्णात ह. दा. वेलणकरे कां छे के हेमचंद्राचार्ये बधी महत्त्वनी पूर्ववर्ती सामग्री उपयोगमां लईने ए छंदोनुं प्रमाणभूत, अने सुव्यवस्थित निरूपण कर्यु छे / ए विषयनो एनी कक्षानो बीजो कोई ग्रंथ प्राप्त नथी. तेनां उदाहरणोनुं कवित्व पण नोंधपात्र छ / प्रस्तुत अनुवाद पहेली ज वार प्राकृत-अपभ्रंश छंदोनी नाणकारी गुजरातीमां सुलभ करी आपे छ / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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