Book Title: Chhandonushasan
Author(s): Hemchandracharya, H C Bhayani
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
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सुधारो (पृ. ५४, पंक्ति १० पछी उमेर) संस्कृत अने प्राकृत छन्दोना निरूपण पछी हवे घणुंखएं अपभ्रंशमां मळता छंदोनुं निरूपण करवामां आवे छे । 'घ'ख' एम का छे तेथी एम समजवू के ए छंदो बीजी भाषाओमां पण वपराता होय छे ।
उत्साह (पृ. ५४, पंक्ति १७ पछी उमेर) जेमां प्रत्येक चरणमा छ चतुष्कल होय अने तेमांनो त्रीजो तथा पांचमो चतुष्कल जगण के चार लघुनो बनेलो होय ते छंदनुं नाम उत्साह ।
उत्साह छंदनुं उदाहरण :
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