Book Title: Chhandonushasan
Author(s): Hemchandracharya, H C Bhayani
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
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[ 103]
कुसुमायुधशेखर
जेनां बेकी चरणोमां अगियार मात्रा छे अने एकी चरणोमां सत्तर मात्रा छे ते कुसुमायुधशेखर छंद- उदाहरण :
घोलिर-नव-पल्लवु परिफुल्लिउ, रेहइ असोअ-तरु। विरइउ रम्मु नाइ महु-मासिण, 'कुसुमाउह-सेहरु' ॥ ९८
_ 'जेनां ताजां पर्ण डोली रह्यां छे तेवू आ विकसित अशोकवृक्ष एवं शोभे छे, जाणे के वसंतमासे कामदेवना शिर पर रमणीय शेखर रच्यो होय !'
नोंध :- आ प्रमाणे जेनां बेकी चरणोमां अगियार मात्रा छे तेवा छ पेटाप्रकारोनां उदाहरण थयां ।
___ हवे जेनां बेकी चरणोमां बार मात्रा छे तेवा पेटाप्रकारोनां उदाहरण : उपदोहक
_ जेनां बेकी चरणोमां बार मात्रा छे अने एकी चरणोमां तेर मात्रा छे ते उपदोहक छंदनुं उदाहरण :
महु कंतिण रणि मुक्कउ, एक्कु पहारु अमोहु । 'उअ दो हय' हय चूरिउ, संदणु सारहि जोहु ॥ ९९
'मारा प्रियतमे एवो एक अमोघ प्रहार कर्यो जेने लीधे, जो तो. बन्ने घोडा कपाई गया अने रथ, सारथि तथा योद्धाना चूरेचूरा थई गया !' दोहक
जेनां बेकी चरणोमां बार मात्रा छे अने एकी चरणोमां चौद मात्रा छे ते दोहक छंदनुं उदाहरण :
पिअहु पहारिण इक्किण-वि, सहि 'दो हया' पडंति । संनद्धउ असवार-भडु, अनु तुरंगु न भंति ॥ १००
'मारा प्रियतमना एक ज प्रहारथी बंने ढळी पडे छे - जेणे कवच बांध्यु छे तेवो सुभट असवार, तेम ज तेनो घोडो : एमां कशो संदेह नथी ।'
नोंध :- सूत्रमा जे 'घणुं खलं' एम कर्तुं छे तेथी संस्कृतमां पण दोहक होय छे । जेम के :
मम तावन्मतमेतदिह, किमपि यदस्ति तदस्तु ।। रमणीभ्यो रमणीयतरं, अन्यत्किमपि न वस्तु ॥ १०१
___'मारो तो आ बाबतमां आवो ज मत छे-बीजं जे काई होय के न होय पण रमणीओथी वधु रमणीय बीजी कोई पण वस्तु नथी ।'
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