Book Title: Chhandonushasan
Author(s): Hemchandracharya, H C Bhayani
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
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[ 85] चंद्रोद्योत
जेनां एकी चरणोमां नव मात्रा छे अने बेकी चरणोमां सोळ मात्रा छे तेवा चंद्रोद्योत छंदनुं उदाहरण :
कोइल-कल-रवु, चंदणु 'चंदुज्जोअ'-विलासु । वल्लह-संगमि, . अमय-रसु विरहि जलिउ हुआसु ॥ २९. ..
___ 'कोयलोनो कलरव, चंदन अने चंद्रनी ज्योत्स्नानो विलास - जो प्रियतम संगाथे होय तो ए अमृतरस समान छे, पण विरहमां तो ए धगधगता अग्नि समान छ ।' रत्नावली
जेनां एकी चरणोमां नव मात्रा छे अने बेकी चरणोमां सत्तर मात्रा छे तेवा रत्नावलि छंद- उदाहरण :
मालइ-मालहिं; अलि सहहिं नव-मयरंद-सइण्ह । नं 'रयणावलि', नीलमय पाउस-दइइण दिण्ण ॥ ३०
___ 'मालतीनी माळाओ उपर बेठेलो, नवा पुष्परसनी लालसावाळा भ्रमर एवो शोभे छे, जाणे के ते वर्षाऋतुरूपी प्रियतमे भेट आपेली इन्द्रनीलमणियुक्त रत्नावलि न होय !'
नोंध :- आ प्रमाणे एकी चरणोमां नव मात्रावाळा आठ पेटाप्रकारना उदाहरण थयां ।
हवे जेनां एकी चरणोमां दस मात्रा छे तेवा पेटप्रकारनां उदाहरण : भ्रूवक्रणक
जेनां एकी चरणोमां दस मात्रा छे अने बेकी चरणोमां अगियार मात्रा छे ते भ्रूवंक्रणक छंदनुं उदाहरण :
रेहइ तरुणिअणु, 'भ्रूवंकण'-चंगउ । आणावइ नाइ, तिहुअण-जइ अंगउ ॥ ३१
'तरुणीओ तेमनी वांकी करेली भ्रमरथी एवी शोभे छे के जाणे ते लोकोने त्रिभुवनविजयी अनंगनी आण देती न होय !' मुक्ताफलमाला
. जेनां एकी चरणोमां दस मात्रा छे अने बेकी चरणोमां बार मात्रा छे ते मुक्ताफलमाला छंद- उदाहरण :
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