Book Title: Catalogue of Gujarati Manuscripts
Author(s): Punyavijay
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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गीत
जिनचंद्रसूरि (ख.)
दादाजी पद (जिनदत्तरि) ले.स. १८०३; हाथकागळ पत्र १७९; २६.५४११.७ से.मि. पद्य २.
... कर्ता-खरतरगच्छीय लागे छे, रचना, वस्तु जोतां........ प्र.स./५८४४ .
. परि.३१७६/७ शांतिजिन गीत ले.स. १५ मु शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र ४थु; २६४१०.७ से.मि.
पद्य ५. प्र.स./५८४५
परि./५८२०/२ जिनभक्ति
पार्श्वजिनपद ले.स. १८९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र ५३९; २१.७४१०.४ से.मि.
पद्य
कर्ता-मात्र नामनिर्देश मळे छे. प्र.स/५८४६
परि./७७७७/११ जिनराजसूरि (ख.) १-चतुर्विंशतिजिन गीत ले.स. १८९शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र३; २५४१०.८ से.मि.
कर्ता-खरतरगच्छमां जिनसिंहमूरिना शिष्य छे. अमना समय वि.स. १७मी सदीनो छे. ( जै. गू. क. भा. १, पृ. ५५३).. प्र.स./५८४७
परि./६४४९ .. २-चोवीसजिन पीत ले स. १७३७; हाथकागळ पत्र १ थी ५; २४.२४१०.५ से.मि.
प. रघुनाथे लखेली आ प्रति जीर्ण छे. प्र.स./५८४८
परि.६६०७/१ ३-चोवीसजिन गीत ले.स. १७९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र ५; २७४११.७ से.मि. प्र.स./५८४९
. परि./२७९९ विहरमानजिन गीतो ले.स. १८९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र ३ थी ८; २१.८४११ से.मि. तूटक.
प्रथम पत्र नथी. प्र.स/५८५०
परि./६१०३/६ जिनलाभसरि (ख.)
पार्श्वनाथ गीत (नवखंडा) ले.स. १९मु शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र ५मु; २५-१४ ११.५ से.मि. पद्य ५.
कर्ता-खरतरगच्छीय वि.स. १९मी सदीमा नांधायेला आचार्य छे. (जै. गू. क. भा. ३, ख. १, पृ. ३२२). प्र.स./५८५१ .
परि./८३१६/१९
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