Book Title: Catalogue of Gujarati Manuscripts
Author(s): Punyavijay
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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सुभाषित
८०५
२-सूक्तमाला र.स. १७५४, ले.स. १८२५; हाथकांगळ पत्र १४, २५४११.५ से.मि.
प', कांतिविजये प्रति लखी. प्र.स./६३३०
परि./४२९१ ३--सूक्तमाला र.स. १७५४; ले.स. १८१३; हाथकागळ पत्र १३; २५४११ से मि. पद्य ७९.
बर्हानपुरमा रूपविजये प्रति लखी. प्र.स./६३३१
परि./५०७१ ४--सूक्तमाला र.स. १७५४; ले.सं. १८२३; हाथकागळ पत्र १२; २५४१०.८ से.मि.
रोहिठामां हीरजी माटे ऋषि जेसिंगजी प्रति लखी. प्र.सं./६३३२
परि./७९१२ ५--सूक्तमाला र.स . १७५२ *, ले.स. १८९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र १०; २६.८४१२ से.मि.
___ * र.स. जुदो पडे छे. 'पक्षेन्द्रियर्षिचंद्रप्रमित्त वर्षे' मुंबई बंदरे ऋषि मोतीचंदे
प्रति लखी. प्र.स./६३३३
परि./२०१८ ६--सूक्तमाला र.स. १७५४; ले.स. २०मु शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र १४;
२६.२४१२.२ से मि. प्र.स./६३३४
परि./२२३७ ७-- सूक्तमाला २.सं १७५४; ले.स. १९मुशतक (अनु.); हाथकागळ पत्र ११; २५.२४
११.७ से.मि. पद्य १७५. प्र.स./६३३५
परि./७३३४ ८--सूक्तमाला-सस्तबक र.स . १७५४ ले स. १८६३; हाथकागळ पत्र ३५; २५.५४ १०.८ से.मि. ग्रंथा। १७५४.
___ पालीगामे हुकमविजय गणिले प्रति लखी. अ.स/६३३६
परि./६४३७ ९-- सूक्ताबली-स्तबक ले.स. १८२७, हाथकागळ पत्र २०७; २५४११.७ से.मि.
धर्मविजये स्तबक रच्यु. वच्चे बच्चे संस्कृत कथाओ आवे छे. लिपिकार यत्नविजय. प्र.सं./६३३७
परि./२०७९ खीमाविजय-क्षेमविजय (त.)
सुक्तमाला स्तबक ले.स. १९९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र ६१; २७.५४१२.६ से.मि. गाथा ३५.
कर्ता--तपगच्छमां देवविजयनी परंपराना शांतिविजयना शिष्य वि स. १८ मी सदीमा थया. (जै. गू, क. भा. ३, ख. २. पृ. १६२३). आ रचना जै. गू. क.मां नेांधायेली
नथी. मूळ रचना संस्कृतमा छे. पत्र ९मु बेवडायु छे. प्र.सं./६३३८
परि./९३९
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