Book Title: Catalogue of Gujarati Manuscripts
Author(s): Punyavijay
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 824
________________ हरियाली ८११ वीरविजय (त.) हरीआली (२) ले.स. १९९ शतक (अनु.): हार्थका गळ पत्र ९९; २८x१२ से.मि. अनुक्रमे पद्य ९;६. कर्ता-तपगच्छमां सत्यविजयनी परंपराना शुभविजयना शिष्य छे. अमनो समय वि.स. १९मी सदीने। छे. (ज. गू. क. मा. ३. ख. १. पृ. २०९) प्र.स./६३८१ परि./७२७६/२९,३१; व्यास पंडित हरियाली ले.स. १६९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र १लु, २५४११ से.मि. पद्य १०. कर्ता-मात्र नामनिदेश मळे छे. (५. १०) प्र.स./६३८२ परि./६१६३/२ शांतिसागर हरियाली (२) ले.स. १७६१; हाथकागल पत्र १९९; २०४९.५ से.मि. अनुक्रमे पद्य ____ कर्ता-मात्र नामोल्लेख मेळ छे. कर्ताना स्वहस्ताक्षर प्रति छे. प्र.स./६३८३ ___ परि./८१८०/३३; ३४ हियाली ले.स. १६९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र २१७ थी २१८९; २४४९.९ से.मि. पद्य ६. प्र.स./६३८४ परि./८६०१/१३१ समयसुंदर (ख.) हीयाली गीत ले.स. १८९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र २जु; २४.८४11 से.मि. पद्य ५. (तूटक). खरतरगच्छमां जिनचंद्रसूरिनी परंपराना सकलचंद्र उ. ना शिष्य छे. अमो समय वि.स. १७ नो छे. (जै. गू. क. भा. १. पृ. ३३१.) पत्र लु नथी. प्र.स./६३८५ . परि./६१ ०३/१ अज्ञातकर्तृक हरियाली ले.स. १८९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र लु; २६x11 से.मि. पद्य ७. ___ कर्ता-कुशलवर्धनना शिष्य छे. प्र.स./६३८६ परि./७३६५/२ कवित हरियाली ले.स. १७८४; हाथकागल पर लुं: २२.२४९.१ से.मि. प्र.स./६३८७ परि./८७०१/१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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