Book Title: Catalogue of Gujarati Manuscripts
Author(s): Punyavijay
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 843
________________ कागळ-पत्र-लेख कमलविजय (त.) सीमन्धर जिन लेख र.सं. १६८२. ले.स. १७४२; हाथकागळ पत्र ३; २५.२४११ से.मि. गाथा ८५ ग्रंथान १२१. ___ कर्ता--तपगच्छभां हीरविजयसूरिनी परंपराना विजयरेनसूरिना शिष्य छे. अमना समय वि.स. १७ नो छे. (जै. गू. क. भा. १. पृ. ५१३.) नटीपद्रमा प्रति लखेली छे. प्र.स ./६५३० परि./६०८६ जयवंतसूरि (त.) स्थूलिभद्र कोशा लेख. ले.स. १७९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र मुं; २६४११ से.मि. पद्य ६. कर्ता--वडतपगच्छमां विजयरत्नसूरिनी परंपराना विनयमंडनना शिष्य छे. अमनो समय वि.सं. १७ मी सदीनो छे. (जै. गू. क. भा. १. पृ. १९३-भा. ३. ख. १. पृ. ६६६). आ रचना जै. गू. क.मां नेांधायेलो नथी. प्र.स./६५३१ परि./३०६७/३५ सीमंधर स्वामी लेख. ले.स. १८मुं शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र ३, २४.८४११.२ से.मि. पद्य ३८. __हेमराज माटे प्रति लखेली छे. प्र.स./६५३२ परि./६४२१ जयविजयगणि (त.) विजयसेनसूरि लेख र.स. १६५६. ले.स. १६५६; हाथ कागळ पत्र ४, २५.६४ ११.२ से.मि. ___ कर्ता--विजयसेनसूरिना शिष्य लागे छे. कर्ताना स्वहस्ताक्षरवाळी समकालीन प्रति, विवेकविजय माटे लखेली छे. प्र.स./६५३३ परि./७०७६ ज्ञानसागर (अं.) राम लेख. र.स. १७२३. ले.स १८९ शतक (अनु.); हाथका गळ पत्र १; २५.७४ १७.५ से.मि. पद्य ५० ढाळ ५. कर्ता-अंचलगच्छमां गजसागरप्रिनी परंपराना माणिक्यसागरना शिष्य छे. अमना समय वि.स. १८ मी सदीना पूर्वार्धनेा छे. (जै. गू. क. भा. २. पृ. ५७) प्रति जीर्ण छे. प्र.सं./६५३४ परि./४६४९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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