Book Title: Catalogue of Gujarati Manuscripts
Author(s): Punyavijay
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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संवादात्मक कृति भो
८१५
समयसुंदरगणि (ख.)
१--दान-शील-तप-भावना संवाद र.स. १६६२, ले.स. २० मु शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र ४; २६.८४११.३ से.मि. ढाळ ४.
__ कर्ता-खरतरगच्छमां जिनचंद्रसूरिनी परंपराना सकलचंद्र उपा. ना शिष्य छे. अमना समय वि.स. १७ मी सदीना उत्तरार्ध ने। छे. (जै. गू. क. भा. १, पृ. ३३१) रचना
सांगानेरमां थई छे. प्र.स./६४११
परि./८००५
२--दान-शील-तप-भावना संवाद र.स. १६६२, ले.सं. १९२७; हाथकागळ पत्र ६; २७.८४११.५ से.मि.
प्रति जीण छे. प्र.स./६४१२
परि./१५३३
३--दान-शील-तप-भावना संवाद र.स. १६६२, ले.स. १९९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र ७थी ११; २५.७४१२ से.मि. ढाळ ४.
_रचना सांगानेरमां थई छे. प्र.स./६४१३
परि.१८६७/७
४--दान-शील-तप-भावना संवाद र.स. १६६२, ले सं. १८२२; हाथकागळ पत्र ४; २५.२४११ से.मि. ढाळ ४.
बाई खुशाल माटे वेणीरामे प्रति लखी, प्र.स./६४१४
परि./६२६८
५-दान-शील-तप-भावना संवाद र.स. १६६२, ले.स. १८१७, हाथकागळ पत्र ५, २६४१२ से.मि. ढाळ ४.
रचना सांगानेरमां थई. ढंढेरिया-तलामां वखतविजयमुनिले प्रति लखी. प्र.स./६४१५
___ परि./१६५९
६---दान-शील-तप-भावना संवाद र.स. १६६२, ले.स. १८९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र ३; २४.३४१०.८ से.मि. ढाळ ४.
रचना सांगानेरमां थई. प्रेमकुशलमुनिले प्रति लखी. प्र.स./६४१६
परि ६५१४
७--दान-शील-तप-भावना संवाद र.स. १६६२, ले.स. १८९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र पथी ५; २५४११.३ से मि. पद्य ९६, ढाळ ४.
रचना सांगानेरमा थई. प्र.स./६४१७
परि ४०२०/१
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