Book Title: Catalogue of Gujarati Manuscripts
Author(s): Punyavijay
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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८०४
दूहा
सुभाषित दोधक ले.स. १८मुं शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र ४; १२.७४११.२ से.मि. पद्य ६० प्र.सं./६३२२
परि./८६३८ सुभाषित दोधक संग्रह ले.स. १८मु शतक (अनु.): हाथकागळ पत्र २; २५४१०.८
से.मि. गाथा ५४. प्र.स./६३२३
परि./२५४५ स्नेहदूहा ले.स. १७ मु शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र २; २३.६४८.५ से.मि. प्र.स./६३२४
परि./७६२४ ___ स्नेही दूहा (२) ले.स. १९मु शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र १ थी ४; अने ५ थी ६;
२४.३४1०.८ से.मि. अनुक्रमे गाथा १२१; ४४. प्र.स./६३२५
परि./७३०७/१/२
सुभाषित अखो
अखा कविना सुभाषितो ले.स. १८९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र १ल; २४४१०.७ से.मि. गाथा १३.
___ कर्ता-जाते सोनी, वतन अमदावाद, समय वि.स. १६७१थी १७३१नो, केवलादत
वेदांततो कवि ( हा. स. या. पृ. १.) प्र.सं./६३२६
परि./४९३१. प्रास्ताविक सुभाषित ले.स. २ मुं शतक (अनु.); हाथका गळ पत्र २; २६.५४१२ से.भि प्र.स./६३२७
परि./६५५ कबीर आदि
सुभाषितो (दूहाबद्ध.) ले.स. १८मु शतक (अनु.); हाथ कागळ पत्र १२मु; २६४ ११.५ से.मि.
__ कर्ता-प्रसिद्ध भक्त. प्राय: तेनां पदो हिंदीमां छे, छतां भाषा फेरवाई गुजराती पण थई छे. (गू, हा. स. या. पृ. १३) अमनो समय वि.स. १५७५ लगभगनो छे (जै.
गू. क. भा. ३. ख. २. पृ. २१४२). प्रति जीर्ण छे. प्र.स./६३२८
परि./४८२४/९ केसरविमल (त.)
१-सूकतमाला र.स. १७५४; ले.स. १९९ शतक (अनु.); हाथेकागळ पत्र १२; २६४११.८ से.मि. अपूर्ण.
___ कर्ता--- तपगच्छमां शांतिविमलना शिष्य छे. अमनो समय वि.स. १८ मी सदीनो छे (जै. गू. क. भा. २, पृ० १५२.). परि. स. २०१८ जोडे र स. सरखावतां फेर पडे छे.
" वेदेन्द्रियर्षिचद्रे प्रमित्त वर्षे " प्रस./६३२९
परि./२८०७
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