Book Title: Catalogue of Gujarati Manuscripts
Author(s): Punyavijay
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 815
________________ ८०२ शुभ सागर (अ.) १ - - शत्रुंजयना अक्सो आठ दहा ले. स. १९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र ५ २७४११-८ से.मि. कर्ता --अंचलगच्छमां कल्याणसागरना शिष्य छे. ओमनेा समय वि.सं. १९मी सदीने। छे. (जै. गु. क. भा. ३. ख. १. १. १४ . ) जै गू. क. मां 'उदयसागर' मानवामां आव्या छे. लींबडीमा रामजीओ प्रति लखी. प्र.स ं./६३०१ परि./१५७६ ले. स. १९२० हाथकागळ पत्र ५; २४.३४१२ परि./९९६ ३--सिद्धगिरिना दूहा ले.सं. १९४१; हाथकागळ पत्र १०; २५४११०४ से.मि. रामगरजीओ प्रति लखी. परि./७५५४ २--शत्रुंजय ना अकसो आठ नामना दूहा, जोधपुरमा प्रति लखेली छे. प्रसं०/६३-२ प्र.स ं./६३०३ अज्ञातकर्तृक दूहा ले. स. १९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र ४; २७५१२.५ से मि . प्र. स . / ६३०४ दूहा प्र.सं./६३०५ दूहा सवैया ले.स १७७१ हाथकागल पत्र :७; २५.३५११.५ से.मि. प्र.सं./६३०६ ले. स. १७ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र १; २४ २x१००८ से.मि. दूहा १५. परि./६६१९/१ दूहा संग्रह ले. स. ७ शतक (अनु; हाथकागल पत्र ३; २६०४४१०५ से.मि. दूहा ६१. प्र. स. / ६३०७ प्र.सं./६३०८ दूहा प्रास्ताविक दुहा प्र.स / ६३०९ परि. / ७४६३/२० परि. / १०६७ दूहा संग्रह ठे.स. १९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र ७ २३४१० से.मि गाथा ९३. श्राविका लहेरी माटे वाघाओ प्रति लखी. Jain Education International परि. / ४९८१/२ For Private & Personal Use Only परि. / ७७०४ ले. स. १५७४; हाथ कागळ पत्र ११५ २७४११.७ से.भि, पद्य २. परि०/८४६०/६९ प्रास्ताविक दूहा आदि संग्रह ले. स. १९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र ४; २७.५४ १२ से.मि. प्र.स ं./६३१० परि. / ७९०२ www.jainelibrary.org

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