Book Title: Catalogue of Gujarati Manuscripts
Author(s): Punyavijay
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 813
________________ अखो, ' गिरधरब्रह्म आदि कवित्त, सवैया, चोपाई, साखी ले.स. १९मुळे शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र ६; ३०४ १४.२ से.मि. कर्ता - - ( १ ) जाते सोनी, वतन अमदावाद, वि.सं. १६७१ थी १७३१ना गाळामां था. (२) वि.सं. १८ अने १९मी सदीमां नांधायेली त्रण व्यक्तिमांथी कोण ए नक्की नथी. (गु. हा. सं या अनुक्रमे पृ. १ २९ - ३० ) ० प्र.सं./६२९० परि./७९८८ प्र.स ं./६२९१ S कवित ( कवित्त - दूहा - सुभाषित - हुबडां) ज्ञानसारमुनि (ख.) बासमार्ग यंत्र रचना कवित्त र. सं. १८६३, ले.स. २०मुं शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र १०; २४.५×११.९ से.मि. कर्ता -- खरतरगच्छमां जिनलाभसूरिनी परंपराना रत्नराजना शिष्य छे, अमना समय वि.सं. १९मा सैकानो छे. (जै. गू. क. भा. ३, ख १, पृ. २६० ). रचना जयपुरमां थई छे.. परि./९९५ مجھ प्र.सं./६२९४ मयण ( मदन) भट्ट मयण कुतूहल ले. स. १७७०; हाथकागळ पत्र १, २६०२x१००७ से.मि. पथ- २७. कर्ता -- वि.सं. १६मी सदीमां थयेला मानवामां आवे छे. (गू. हा. सं. या. पृ. १५० ). उपा. समरकीर्ति प्रति लखी छे. प्र.स ं./६२९२ परि / ६९९३ हीरानन्दमुनि प्रास्ताविक कवित्त ले.सं. १५७४, हाथकागळ पत्र २९; २७४११ ७ से.मि. पद्य ३. परि./८४६०/११ प्र.सं./६२९३ Jain Education International अज्ञात क कवित्त ले.स. १७ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र १ थी ३; २५०३४११ से.मि. पद्य ४०. परि./६४३२/१ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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