Book Title: Catalogue of Gujarati Manuscripts
Author(s): Punyavijay
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 800
________________ ४-गुणरत्नाकर छंद र.सं. १५७२; ले.सं. १६१८: हाथकागळ पत्र २०; २६.८४११ से.मि. ग्रंथान १०००. पाटणना ढंदेरवाटक (ढंढेरवाडा) मा विद्याप्रभसूरिना शिष्य गोविंदमुनिये प्रति लखी. प्र.सं./६१९१ परि./५२८७ ५-स्थूलभद्र छद (गुणरत्नाकर छद) र.स. १५७२, ले.स. १७९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र १५, २६.४४११.३ से.मि. अधिकार ४. प्र.सं./६१९२ परि./४१७१ ६-स्थूलभद्र गुणरत्नाकर छद र.सं. १५७२, ले.स. १९९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र १३: २६.५४११.७ से.मि. पद्य ४१३. प्र.स./६१९३ परि./१५७२ ७-स्थूलभद्र गुणरत्नाकर छद र.स. १५७२, ले.स. १६४७; हाथकागळ पत्र १५; २६४१ ०.८ से.मि. ग्रंथान ८००. तेजपुर नगरमां लखेली आ प्रति जीर्ण छे. प्र.स./६१९४ परि./८८१७ -गुणरत्नाकर छंद र.सं. १५७२, ले.सं. १७२७, हाथकागळ पत्र १४; २५.२४ ११ से.मि. माडी (मांडवी ?) मां कुशलेन्दुमुनि लखेली आ प्रति जीर्ण छे. प्र.सं./६१९५ परि./५१८७ सरस्वती मातानो छद ले.स. १९९शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र १ थी २; २६.२४ १२.२ से.मि. पद्य ११. प्र.स./६१९६ परि./२२३४/१ संत सरस्वती छौंद ले.स. १८९२; हाथकागळ पत्र २ थी १; २८४१२ से.मि. पद्य ३७. कर्ता-कोई विनयकुशलना शिष्य छे. (प. ३५.) प्र.स./६१९७ परि./७४१९/२ हरखाजित पावजिन छंद ले.स. १७१५; हाथकागळ पत्र ८९; २४४१०.९ से.मि. गाथा ११. कर्ता-मात्र नामनिर्देश मळे छे. (पद्य. ११.) प्र.स./६१९८ परि./३६६ लावण्यलहरी (स्थूलिमद्र छद) ले.स. १७९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र २ श्री ३; २६.३४११.२ से.मि. पद्य ८७. प्र.स./६१९९ परि./५३२६/२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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