Book Title: Catalogue of Gujarati Manuscripts
Author(s): Punyavijay
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 810
________________ हमची केशवमुनि (त.) . तीथीचर्चानी हमची (धर्मसागरनी वादविवादमा सुरतमा थयेली जीतनो प्रसंग) ले स. १८९ शतक (अनु.); हाथकागळ पद्य ३; २६.३४११.५ से.मि. कर्ता---तपगच्छमां हीरविजयसूरिनी परंपराना छे. अमनो समय वि.स. १८मी सदीनो होई शके (जै. गू. क. भा. ३, ख'. १, पृ. १०८२ अने १०८४नो पहेलो फकरो.) प्र.सं./६२७२ परि /२१६८ प्रेमविजय (त.) नेमिनाथ हमची र.स. १६५३, ले.स. १८९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र ५; २५.८४११.३ से.मि. पद्य ८४. कर्ता--उपगच्छमां विमलहर्षना शिष्य छे. अमनो समय वि.स. १७ मी सदीनो छे. (जै. गू. क. भा. १. पृ. ३९७) आ रचना जै. गू. क. मां नेांधायेली नथी. सुलतान पुरमा रचना थई. प्रति जीर्ण छे, प्र.स./६२७३ परि./५३३० वर्धमान पंडित (पा.) ऋषभदेव हमची ले.स. १९९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र २; २४.५४११.४ से.मि. पद्य २५. . कर्ता-पावचंद्र गच्छमा वि.स. १८मी सदीमां थयेला छे (जै. गू. क. भा ३, ख. २, पृ ११४२). आ रचना जै. गू. क. मां नेांधायेली नथी. बाई तेजाबाई माटे प्रति लखेली छे. प्र.सं./६२७४ परि./४९१४ लावण्यसमय १-नेमिनाथ हमची र स. १५६४, ले.स. १७४ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र ४; २६.३.४१०.३ से.मि. पद्य ८४. .. कर्ता-तपगञ्छमां सोमसुंदरसूरिनी परंपराना समय रत्नना शिष्य छे. अमने। समयः वि.स. १६मी सीना छे. (जै. गू क. भा. १, पृ. ६८). प्र.स./६२७५ परि./३४४५ - २--नेमिनाथ हमची र.स. १५६४, ले.स. १६३५, हाथ कागळ पत्र ३; २६.२४ ११.३ से.मि. पद्य ८४. . ___ जयचूला साध्वी माटे गोविंदमुनिए प्रति लखी.. प्र.स/६२७६ परि./६२११ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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