Book Title: Catalogue of Gujarati Manuscripts
Author(s): Punyavijay
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 808
________________ भवल ब्रह्मकवि (सु.) १-नेमिनाथ धवल ले.स. १७९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र १; २६.८४१०.८ से.मि. गाथा २०२ कर्ता--पार्श्व चंद्रसूरिना गच्छना सुधर्मगच्छना संस्थापक छे. अमनो समय वि.स. १५६८; १६४६ स्वर्गवास. भेटले वि.सं १६भी सदीना छे (जे. गू. भा. १, पृ. १५२). प्र.सं./६२५७ __परि./६८१ २--नेमिनाथ धवल ले.सं. १६७०; हाथकागळ पत्र १४; २६.२४i०.७ से.मि. ग्रंथान ५००. राव महादेवे लखेली आ प्रति रतनी साध्वीनी शिष्या मानानी छे. प्र.सं./६२५८ परि./३८५४ लांबा ऋषभदेव धवल २.स. मा सदीमा नांधायला जीर्ण छ ऋषभदेव धवल ले.स. १७९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र १२,२५.२४१०.७ से.मि. __कर्ता--वि.सं. १६मी सदीमां नेांधायेला छे. (जै. गू, क, भा. १ पृ. १६२) __ आ रचना गै. गू. क.मां नेांधायेली नथी. प्रति जीर्ण छ. प्र.स./६२५९ परि./८९४३ शांतिसूरि शत्रुजय उमाहदा धबल ले.स. १७१ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र ६; २६.४,४११.१ से.मि. पद्य ११. फर्ता--प्रस्तुत रचना अने रचयिता वि.सं. १६मी सदीमा नांधायेला छे. (जै. गू. क. भा. ३, ख. १, पृ. ४९३. आ संडेरगच्छवाळा पण होई शके. जै. गू. क. भा. 1, पृ. ९१.) प्र.सं./६२६० परि./८२८५/१५ सेवक (अं.) --ऋषभदेव धवले र.सं. १५९. ले.स. १७९ शतक (अनु.); हाथकांगळ पत्र १०%; २६.५४१०.८ से.मि. पद्य २५९. कर्ता-अंघल विधिगच्छमां गुणनिधानसूरिना शिष्य छे, अमनो समय वि.सं. १६मी सदीनो छे. (गै. गू. क. भा. ३, ख. १, पृ. ५८१.) प्र.से./६२६१ परि./६१७१ १--ऋषभदेव धवल र.सं. १५९०, ले.सं. १७७१: हाथकागळ पत्र १८; २६.२४ ११.५ से.मि. माणिकविजयमुनिशे प्रति लखी. प्र.सं./६२६२ परि./२९२८ ३-ऋषभदेव धवल (विवाहल) २.स. १५९०, ले.सं. १६२६; हाथकागळ पत्र १०; २६.५४१०.८ से.मि. पद्य २६५. प्र.सं./६२६३ परि./६१७६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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