Book Title: Catalogue of Gujarati Manuscripts
Author(s): Punyavijay
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 759
________________ ७४६ गीत ज्ञानसोम विमलसोमसूरि गीत पद्य १ प्र.स./५८६७ ले.स. १५९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र २ जु; २५.५४११ से.मि. परि./८२८२/३ तत्त्वविजय (त.) चोवीसजिन गीत ले.स. १८९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र ७; २३.६४१०.७ से.मि. कर्ता-तपगच्छमां प्रसिद्ध यशोविजयजीना शिष्य छे. अमनो समय वि.स. १८मी समीनो छे. (जै. गू. क भा. २. पृ. २२४.) भावविजय मुनिनी आ प्रति छे. प्र.स./५८६८ परि./७६४३ तेजपाल ऋषभजिन गीत ले.सं. १६७८; हाथकागळ पत्र ९मुं; २५४११.५ से.मि. पद्य २. ____ कर्ता--मात्र नामनिर्देश छे. परि./२५८६/२१ प्र.सं./५८६९ प्रभाती गीत प्र.स/५८७० ले.स. १६७८; हाथकागळ पत्र ९९; २५४११.९ से.मि. पद्य ३. परि./२५८६/२१ थिरपाल कवि शजय गीत ले.सं. १५७६; हाथकागळ पत्र १५४ थी १५५; २७४११.७ से.मि. पद्य ९. . कर्ता--(१) जै. ले. स. २२३५; (२) बी जै. ले. सं. ४१६; ५३०; ५६७; (३) प्र. ले. स. १४६; १५१; (४) जै. धा. प्र. ले. सं. ३१८; १६०; २२६: आ चार पुस्तकोमाथी सरेराश १४ थी १६मी सदी वि.स.मां नेांधायेला मळे छे. कया से नकी नथी. प्रस./५८७१ परि./८४६०/८४ दीपविजय (त) ऋषभजिन ऋद्धिवर्णन पद ले.स. १८८६; हाथकागळ पत्र १लु; २१.९४११.७ से.मि. पद्य १६ कर्ता-तपगच्छमां प्रेमविजय अने रत्नविजयना शिष्य, वि.स. १९मी सदीमां थया. (जै. गू. क. भा. ३. ख. १. पृ. १९९) आ रचना जै. गू. क मां नेांधायेली नथी. प्र.स./५८७२ परि/५२३/१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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