Book Title: Catalogue of Gujarati Manuscripts
Author(s): Punyavijay
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 782
________________ गरबो-गरबी चारित्रदुर्लभ कंसनी गरबी ले.स. १९९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र ९थी १०; २४.८x१२ से.मि. कर्ता--कोई जेनेतर छे अने अत्यार सुधीमां क्यांय नांधायेली नथी. प्र.स./६.६० परि./४०८९/१ दीपविजय चक्रेश्वरीनी गरबी ले.स. १८९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र २ थी ३; २५.५४११ से.मि. पद्य ९. कर्ता-मात्र नामनिर्देश छे. प्र.स./६०६१ परि./३०७३/२ वीरविजय (त.) नेमिनाथ विवाह गरबो र.सं. १८६०, ले.स. १८८०; हाथकागळ पत्र १०; २६.३४ ११.३ से.मि. कर्ता--तपगच्छमां सत्यविजयनी परंपरामां शुभविजयना शिष्य छे. अमनो समय वि.स. १९मी सदीनो छे (जै. गू. क. भा. ३, ख. १, पृ. २०९). परंपरा कृतिमां छे. रचना राजनगर (अमदावाद) मां थई छे. प्रति सांधेली छे. आ अने (विवाहलो) बंने अक ज कृति छे. प्र.सं./६०६२ परि/४३३३ . . हंसरत्न नेम राजुलनो गरबो ले.स. १९९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र ५मु; २४.८४१२ से.मि. कर्ता-मात्र नामनिर्देश मळे छे... प्र.स./६०६३ परि./१०८९/ वल्लभ भट्ट गोरमानो गरबो ले.स. १९मुशतक (अनु.); हाथकागळ पत्र ५थी ७; २४.१४११.८ से.मि. कर्ता-(१) वडनगरो नागर ब्राह्मण, अमदावादनो वतनी, (२) ज्ञाति औदिच्य टोळकियां ब्राह्मण, (३) प्रेमानंदनो पत्र, (४) अनावलो ब्राह्मण (५) मोढ ब्राह्मण (गू, हा. सं. या., पृ. १९२-१९४) कोण मे नक्की नथी थतु पण प्रथमनी संभावना लागे छे. प्र.स./६०६४ परि/२०७३/३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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