Book Title: Catalogue of Gujarati Manuscripts
Author(s): Punyavijay
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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فيفا
२-गोडी पार्श्वनाथ छद ले.सं. १९९ शतक (अनु.); हाथकागळ पत्र २; २५.२४. १२.३ से.मि. पद्य १९.
वटपद्रनगरमा ऋषि मोतीचंदे प्रति लखी. प्र.स./६१३३
परि./२३४३ . ३--गोडी पार्श्वनाथ छंद ले.स. १९९ शतक (अनु.); हामी २ :
२५-२४११.६ से.मि. पद्य. १७. प्र.स./६१३४
परि./६१५८/२ नयप्रमोद (ख.)
१-शंखेश्वर पार्श्वनाथ छौंद ले.स. १९९ शतक (अनु.); हाकामना पत्र ५ थी; २४४१२.८ से.मि. गाथा १३.
कर्ता--खरतरगच्छमां जिनचंद्रसूरिनी परंपशना हीरोदयना शिष्य छे. अमनी वि.स. १७१३नी रचना नांधायेली छे. (जै. गू. क. भा. २. पृ. १५२). प्र.स./६१३५
परि./२७०६/२ २ शंखेश्वर पाश्वनाथ छ'द ले.स. १७४७; हाथकागळ पत्र १९ थी २०,२१४११.८
से.मि. पद्य १५. प्र.सं./६१३६
____ परि./२७५२/० नयविमल (ज्ञानविमल)
चोवीसजिन छौंद ले.स. १८१४; हाथका गळ पत्र ३१ की २० २५.५४११.७ से.मि. तूटक. ____ कर्ता-तपगच्छमां विनयविमलनी परंपराना धीरविमलना शिष्य छे. अमनो समय वि.स. १६९४ (जन्म)-१७८२ (स्वर्गवास) छे. (जै. गू क., भा. २, पृ. ३०८). पत्रो
१ थी २९ नथी. प्र.सं./६१३७
____ परि./६८०६/१ १-पार्श्वनाथ (देशांतरी) ले.स. १९मु शतक (अनु ): हायकापळ १० : २५४११ से.मि. पद्य ४७.
कुशलविजयना शिष्य पं. जयविजय माटे प्रति लखेली छे. प्र.स./६१३८
परि./६१२६ २-पार्श्वनाथ (देशांतरी) छ'द ले.स. १९ शतक (अनु.);
हाथी ३; २५.२४११.३ से.मि. ४७ (तूटक).
- पत्र २जु नथी. प्र.सं./६१३९
परि/४०२१/१ ३--पार्श्वनाथ छद (देशांतरी) ले.स. १८९ शतक (अनु.); हावामळ १ श्री ३; २६.५४११.६ से.मि. पद्य ४७.
भक्तिविजय मुनिझे प्रति लखी. प्र../६१..
परि./३०६९/१
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