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अपस्मार
३
अपह
(४) कलौंजी १ माशे पोसकर सिकंजबीन (२) अश्व अपस्मारअन्सली २ तोला या मधु ६ माशे में मिलाकर
घोड़े की मृगी के लक्षण-अपस्मारी अश्व देना भी उपयोगी है।
अकस्मात् पृथ्वी पर गिर पड़ता है। नेत्र स्तब्धता, . (५) सोसन को जड़ ७ माशे का काथ कर विसंज्ञता आदि लक्षण होते हैं और जो शीघ्र २ तोला शर्बत बरेशम के साथ देना गुणकारक स्वस्थ हो जाता है उसको अपस्मार से पीड़ित
जानना चाहिए। . (६) जंगलो तितली १ माशे, अंगूर का रस चिकित्सा-कुशल वैद्य को इसमें सम्पूर्ण २ तो० और अर्क गाव जुबान है तो के साथ देने उन्मादोक्र क्रिया का अवलम्बन करना चाहिए। से लाभ होता है।
ऐसे घोड़े को अत्यन्त पुराना धी पिलाना लाभ(७) अकरकरा १ से २ माशे पीसकर
दायक है। जयदत्तः। सिकंजबीन अन्सली २ तो. के साथ देने से लाभ अपस्मार
apasmára-gajánkuप्रदर्शित होता है।
shah-संक्लो० हींग, काला नमक, त्रिकुटा डॉक्टरी औषध
इनको सम भाग लेकर पृथक् पृथक् एक एक दिन
गोमुत्र में घोटें । फिर उसमें ४ मा० शुद्ध मूछित आलियम् क्रोटनिस (जयपाल तैल ), अमो
पारा मिलाकर घोटकर रक्खें । मात्रा-१ मा० । निया वेलेरियाना, श्रोलियम् महुइ, प्रालियम्
इसके सेवन से अपस्मार और उन्माद का नाश टेरेबिन्थोनी, अर्जेएटाई नाइट्रास, आर्टिमिशिया, अमोनिया ब्रोमाइड, अमोनिया काबोनास,
होता है । र० यो० सा०। अर्जेण्टाइ क्रोराइडम्, अर्जेंटाइ नाइट्रास, आर्से
अपस्मारारिः apasmārārih-सं० पु. नीलानिक, ऐएिटपाइरीन, ईथीलीन प्रोमाइड, एपोम
थोथा, पारा, गन्धक, सम भाग लेकर बहु काल आइनि, एमाइल नाइट्रास, एसाफिटिडा ( हिंगु),
पर्यन्त गिलोय के रस में धोटें. फिर सावधानी के एलिटेरियम्, एलोज़ (मुसब्बर ), एलेक्ट्रिसिटि,
साथ शरावों में बन्द करके कपड़मिट्टी कर २-३ (विद्युत् ), कुप्राइ अमोनिया सल्फास, कुप्राइ
जंगली कण्डों की प्राग दें । फिर निकाल कर
दिन केले के रस से घोटें तो यह सिद्ध होगा। सल्फास, कैम्फर ( कपूर ), कैप्टर ( एरंड), क्विनाइन, क्रोरोफॉर्म, कोनियम्, क्वीन आर्से नेट, मात्रा-२ रशी । इसे ब्राह्मी या घृत के योग केलोमेल, कालोसिन्थिस, जिन्साई ऑक्साइडम्, से देने से अपस्मार दूर होता है। इसमें ककारादि जिन्साई सल्फास, जिंक लैक्टैट, जिन्साइ वर्ग वा स्त्री सहवास से परहेज करना चाहिए । वेलेरियानम्, जिंक साइट्रेट, ड्राइकपिंग, नक्स र० यो० सा०। वॉमिका (कारस्कर ), धारा स्नान, नाइट्रो
अपस्मारो apasmāri-हिं० वि० [सं०] जिसे ग्लीसिरीन, डिजिटेलिस, पोटाशियम ब्रोमाइडम,
अपस्मार रोग हो ।(Epileptic.) लम्बाइ नाइट्रास, फॉस्फर्स, फेरि को०, बिस्मथम् एलबम्, बेलाडोना, बोरक्स, ब्रोमाइडम्, मस्क
अपस्वरम् apasvaram-(अव्य०), अपशब्द,
स्वाभाविक स्वर से नीचा स्वर, हीनस्वर । (कस्तूरी), ब्रोमीपीन (ब्रोमीनोल), मष्टर्ड (राई), ल्युमिनोल, वेलेरियन, विराट्राम एलबम्,
(Low-voice ) वा० शा० ५ १०४० साम्बल, सोडिभाइब्रोमाइडम्, स्ट्रॉण्टियम ब्रोमा
श०। इडम, सिरियाइ अक्जालास, स्ट्रमोनियाइ अपह apaha-हिं० वि० [सं०] नाश करने (धुस्तर), स्टानाइ कोराइडम, लीथियम ब्रोमाइडम, वाला । विनाशक । हाइड्रोनोमिक एसिड, हाइड्रोक्लोरिकम और
यह शब्द समासांत पद के अन्त में प्रायः जिंक साइट्रेट, जिंक लैक्टेट,ऐण्टिपाइरीन इत्यादि । प्राता है। जैसे, वेशापह । रोगापह । उवरापह ।
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