Book Title: Ayurvediya Kosh Part 01
Author(s): Ramjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
Publisher: Vishveshvar Dayaluji Vaidyaraj

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Page 851
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir । अस्खार 208 अस्तलोबाम अस्खार askhar-50 तोदरी । ( Lepidiurn | अस्तम् astam-सं० क्ली० iberis, Linn.) अस्त asta-हिं० संज्ञा प. अस्जद āasjad-१० सुवर्ण, सोना | Gold मृत्यु । (Death.) हे० च०।-त्रि० वि० नष्ट । ( Aurum.) ध्वस्त । अस्टिलेगा मैडिस ustilago-maidis. Lev. अस्तन astan-हिं० संज्ञा प० दे० स्तन । eille:)-ले०। कॉर्न स्मट (Corn smut), अस्तबल astabal-हिं० संज्ञा प [अ०1 कॉर्न अर्गट (Corn Ergot)-इं० । वन्ध्या घुड़साल । तबेला । (As मकाई, भुट्टा का कण्डो ( लीढ़ )-हिं। अस्तबूब as tabub-फा. एक वृक्ष है। उत्पत्ति-स्थान-भुट्टा ( Zea mays) प्रस्तमती astamati-सं. स्त्री. शालपर्णी। का पराश्रयी कीटाणु । ( Hedysarum gangeticum..) श०र०1 प्रयोगांश-तुषरहित फङ्गस । अस्तमन बेला astaman-bela-हिं० संज्ञा रासायनिक-संगठन तथा लक्षण-ये विषम ____ स्त्री० [सं० ] सायंकाल । सन्ध्या का गोलाकार समूह रूप में जो कभी कभी छः ईच समय । मोटे होते हैं, पाए जाते हैं । इन पर एक स्याही | अस्तमित astamit- हिं० वि० [सं०] (1) मायल झिल्ली होती है, जिसके भीतर असख्य, नष्ट । मृत । (२) तिरोहित | छिपा हुआ। श्याम धूसर वर्ण के गोलाकार लघु ग्रंथिवत् दाने | अस्तर astar-हिं० संज्ञा पु० [फा० । सं० ( बीज ) होते हैं। स्तृ आच्छादन, तह ] (1) नीचे की तह वा गंध तथा स्वाद-अप्रिय । इसमें एक उड़न- पल्ला | भितल्ला । उपल्ले के नीचे का पल्ला । शील क्षार, एक स्थायी तेल और एक स्त्रीरोटि- अस्तर astar-फा० खच्चर । ( A mule..) काम्लवत् ऐन्द्रियकाम्ल इत्यादि होते हैं। अस्तरक astarak-फा० सिलाजीत I (Com औषध-निर्माण-विचूर्णित कार्न अर्गट-१० ___nmon storax )-इं० । ई० हैं. गा०। से २० ग्रेन (-५-१० रत्ती ); तरल सत्व- अस्तरखा astarkhā--लाल हड़ताल ( मैनसिल १० से २० मिनिम (बूंद)। __वा मनःशिला)। ( Realgar.). . प्रस्तरङ्ग astaranga-फा० प्रयोग - अर्गट ऑफ राई के समान औष. अस्तरज as taraj-मु० धीय गुण-धर्म में, जिसके यह बहुत समान है तथा जिसे बहुत से चिकित्सक तत्तुल्य लाभदायक यबरूज, बिलाडोना । Belladona (Man dragora officinalis) और अर्गट ऑफ़ राई की अपेक्षा अपने प्रभाव में अधिकतर अनुरूप मानते हैं, यह उत्तम गर्भ गा० । शातक एवं रकस्थापक गुणपूर्ण है । इसके द्वारा अस्तरा astara-हिं० पु. प्राप्टा । Seeउत्पन्न गर्भाशयिक प्राकुचन सदा विरामसहित apta l होता है तथा प्रर्गेट के समान लगातार वा वल्य | अस्तराई astarai-तु० गोलमिचे | (Black नहीं होता । पैसिव रक्षरण में अर्गट को अपेक्षा pepper, ) यह श्रेष्ठतर ख्याल किया जाता है और शुक्रमेह, अस्तरून astarun-० गुलाव भेद, गुलेनस्त्रीन। विचचिका ( Psoriasis ), श्राईकंड | (Rost rubiginosa) ई० हैं. गा० । ( Eczema ), तन्तुमय अर्बुद और | अस्तलस astalas-यू० कफरुल यहूद । ( A तत्तुल्य हाधियों में भी यह लाभदायक | kind of stone.) विचार किया जाता है । पो० वी० एम०। ।अस्तलोबान astalobān-हिं० संज्ञा . पु. १०२ . For Private and Personal Use Only

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