Book Title: Ayurvediya Kosh Part 01
Author(s): Ramjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
Publisher: Vishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
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: अस्फ़न्द
८१६
अस्फन्द asfanda - फा०] ( १ ) सफ़ ेद राई | अस्फांद asfáda
( White-mustard) । ( २ ) दोलू, अस्फाद सुफ ेद asfada-sufeda
हुल | ( ३ ) स्पन्द । ( Ruta allaf
Jora.) इं० हैं० गा० ।
अस्फन्दान asfandána
}
अस्फन्दा सफेद asfanda safeda
फा० सफेद गई । ( White mustard seed.)
अस्फ़ाना रूमी व हिन्दी astanakha rūmi• va-hindi-फ़० वास्तुक, बथुआ । अस्फ़ान asfárghina - गृ० एक बूटी है जिसकी शाखाएँ सौंफ के समान आदि में मृदु किन्तु पश्चात् को कोर एवं हरी हो जाती हैं । नागदौन | देखो - ऐसपैरेगीन ( Asparagin ) अस्फोक्लिया asphiksiya - श्र० इख़्तिनान, दम घुटना, दम बन्द होना- उ० । श्वासावरोध, श्वास का अवरुद्ध होना । ( asphyxia ) अस्फुट asfuta हिं० वि० [सं० ] ( १ ) श्रद्ध स्वच्छ । जो स्पष्ट न हो । जो साफ न हो । ( २ ) गूढ़ | जटिल |
अस्फुट दर्शक asfuta-darshaka-हिं० वि० श्रर्द्ध स्वच्छ, स्पष्ट दर्शक | ( Translu cent.)
अस्फ़न्दान asfandana - फ़ा० मद्य भेद (A kind of wine. )
अह फर asfara - ० ज़र्द फा० । पीत, पीला, पीली - हिं० । ( Yellow) इतिब्बा ने इसकी पाँच कक्षाएँ स्थिर की हैं - ( १ ) तम्बी, (२) उजी, ( ३ ) अश्कर, ( ४ ) नारी और ( ५ ) हमर नासि । श्रस्तु उन उन पर्यायों के सामने देखो - अस्फरक asfaraka-फा० एक श्याम वर्ण का पक्षी है जो घरों में पाला जाता है । इसकी चोंच पीली होती है। इसे पढ़ाया जाता है तथा यहमनुष्य से प्रेम करता है ।
फ़र फाकिअ asfar-faqia - अ० घन पीत, अत्यन्त पीला, गहरा पीला । ( Deep ye llow. )
अस्फ़राग़ोयूस asfarághoyusa यू० बिण्डाल,
देवदाली | ( Ecbellium elatarium.) अस्फराज asfaraja - इन्दुलि० नागदौन | देखो - अस्फार्गोन । ( Artemisia_vulgaris.)
अरुफ़रान asfarana श्र० जिह्वा तथा हृदय । ( Heart and tongue. )
अस्फरे बर्री asfare-barrí - फा० बादाबद - हिं०, बम्ब० । (Volutarella divari• cata, Benth. ) फा० ६० २ भा० । अरु फह. asfah - अ० विशाल ललाट, त्रिशाल मस्तिष्के, चौड़े माथे वाला ।
अस्फाक asfaka फा० त्रायमाण, वलभद्रा । श्रभि० नि० ।
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श्रस्वल
- फा० राई | ( Sinapis ramosa) अह्फ़ानाख़ asfánakha - अ० पालक | (Spinacea oleracea. )
श्रस्फोडेलस फिस्ट्यूलोसस asphodelus fistulosus, Linn. - ले० पियाज़ी, बोकार -पं० । प्रयोगांश - पौधा व बीज । उपयोगऔषध तथा खाद्य । मेमां० ।
श्रस्फोतः asphotah सं० पु० काञ्चनार वृक्ष, कचनार | (Bauhinia variegata) वै० निघ० ।
अस्.ब(बु)अ, asba - bu, a श्र० ( ए० व० )
असाविच असावी ( ब० व०), अंगुश्त, उंगली - उ० । अंगुली - हिं० । ( Finger.) अस्वन्द asbanda - हिं० संज्ञा पुं० [अ०]
इस्बन्द । ( Peganum harmala ) अस्वर āasbara त्रा० नर चीता । ( A maletiger. )
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| स्वर्ग asbarga - हि० पु० ग़ाफ़िस । ( Delphinium saniculae folium.) श्रस्बल asbal - अ० लम्बी मूछोंवाला, वह मनुष्य जिसकी मूछें बड़ी बड़ी हों ।

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