Book Title: Ayurvediya Kosh Part 01
Author(s): Ramjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
Publisher: Vishveshvar Dayaluji Vaidyaraj

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Page 875
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मह दव ३३ प्रह लाम् कुबड़ा-हि । हञ्च बैकड ( Hunch back- | अह मर ahmar-१० सुर्ख, सुख्ख रंग-फ़ा० । ed.)-ई । ___रक्रवर्ण, लाल-हिं० | Red (Rubrum.)। __ नोट-कुबड़ी स्त्री को अरबी में हुवा | इतिब्बा ने इसकी चार कक्षाएँ निर्धारित की है, कहते हैं। जैसे-(१) असहब अर्थात् सुन सफ़ेदी मायन अह दब और अकुअस का भेद-जिसका | ( श्वेताभरक), (२) वर्दी अर्थात् अरुण वा पृष्ठ बाहर को निकला हो और वक्ष भीतर को गुलाबी, (३) कानी अर्थात् गंभीर रक और दबा हुअा हो उसे अ.ह दब और विरुद्ध इसके (४) अक नम अर्थात् सुख स्याही मायल जिसका वक्ष बाहर को निकला हो तथा पृष्ट ' (श्यामाभ रक्रवण )। भीतर को दबा हुअाहो उसे अकस कहते हैं। नोट-ग्रह मर का प्रयोग संकेत रूप से कप्रहदब ahda b-अ. वह मनुष्य जिसकी पलकें ठिन मृत्यु, मांस, मद्य, केशर तथा एक प्रकार के विशाल हों। छुहारे के लिए भी होता है। अह.दर ahdar-अ० शोफ उदरीय, वह मनुष्य जिसका उदर शोथयुक्र हो।।। | अह मर अकूतम ahmar-aqtam-१० श्यामाभ रनवण, अधिक कालापन लिए हए अ.ह दल ahdal-अ० एकाण्ड, एक अण्डवाला, लाल रंग। वह मनुष्य जिसके एक अंड हो । अह दाs ahdaa- अ० कुबड़ा, शोथयुक्र एवं ढीले श्रह मर कानो ahmar-qani-१० गम्भीर स्कंधवाला। रनवण, लाल भभूका, अत्यन्त रकवर्ण । मह दाक ल बकर ahdaqul-baqara-अ० अह मर नासिअ ahmar-nasia-अ० हलका काला अंगूर । ( Black var. of Vitis रक्रवण, पिलोई लिए लाल रंग (पीताभ रक्त vinifera.) वर्ण)। रोग-विज्ञान में हलके लाल या पिलोई अह दाक ल् मर्जी ahdaqul-marzi-१० लिए हुए लाल रंग के कारोरह. (मूत्र) को कहते उगृह वान, बाबूना गाव | ( Parthenium हैं । यह नारी की अपेक्षा तीक्ष्ण होता है। matricaria. ) अह दाब ahdaba-०(ब० व०), हुद्व ( ए० | अह मश ahmash-अ. जिसकी पिण्डलियाँ व०) पलकें । ( Eye-lids.) पतली और बारीक हों। अह दिया व अहादिया ahdiya vaahidivi अह्याट: ahyatah-सं० पु. श्रोक्ड़ा । प० -अ० अजदहा-फा० । अजगर-हिं0 1 ( Boa constrictor.) अह युन ahyāna-यू० एक बूटी है जिसका शिर अह नफ़ahnafa-अ० कल्च, टेढ़े या छोटे पाँव अजगर के शिर के समान होता है। वाला । कब-फूटेड ( Club-footed.)-इं० । अहमक ahmaqa अ० मूर्ख, निबुद्धि, बुद्धिहीन, मह रारूल बुकूल ahrarul-buqula-० वह ___ तरकारियाँ जो कच्ची खाई जाती हैं, जैसे काहू बे समझ, सामान्य। ईडिअट ( Idiot. ) आदि। अहमदाबादी मेवा ahmadabadi.mevie | अह लब दिया ahlab-diya-सिरि० शबरम्, बम्ब० खिरनी, खीर खजूर, क्षीरी, राजादनी बाँस के समान एक बूटी है जो खेत और बगीचों -हिं० । काका दिया-गु० । राजन, केर्नी-मह । में उगती है। रायन-गु० । पल-ता०। (Mimusops hex.| अह लाम ahlam-अ०(ब. २०), हुल्म (ए. andra, Borb., Cor.)फा०ई० २भा०।। व०)(१) स्वम, निद्रा । (Sleep, dream.) १०५ For Private and Personal Use Only

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