Book Title: Ayurvediya Kosh Part 01
Author(s): Ramjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
Publisher: Vishveshvar Dayaluji Vaidyaraj

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Page 770
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir অনুঘল ७२८ अवर्षण अवरोधन avarodhana-हिं० संज्ञा पुं० 'अवरोह सायिनः avarohan sayinah-सं० पु. [सं०] [वि० अवरोधक, अवरोधित, अवरोधी, वट, वर्गद (Ficus Bengalensis.) फा० अवरोध, अवरुद्ध1 रोकना, छेकना । ___ इं०३ भा०। अवरोधना avarodhana-हिं० क्रि० स० अवरोह स्थल avaroha-sthal-हिं०संज्ञाप [ स० अवरोधन ] [ वि. अवरोधक ] (Antinode. ) रोकना । अवरोहि avarohi-सं० स्त्री० नीचे भाना अवरोधित avarodhita-हिं० वि० [सं०] उतरना । ( Descending.) रोका हुा । रुका । अवरोहिकाavarohika-सं-स्त्री० अश्वगन्धा। अवरोधी avarodhi-हि. पु० [सं० अवरोध] (Withania Somnifera. ) [स्त्री० अवरोधिनी] अवरोध करने वाला । रा० नि० । रोकने वाला। अवरोपण avaropana-हिं० संज्ञा प्रवि . अवरोहि प्रैवी avaroti.graivi-सं० स्त्री० ___ अवरोपित, अवरोपणीय ] उखाड़ना। उत्पाटन ।। (Ramus descendeus.) अवरोपणीय avaropaniya-हिं० वि० सं०] अवरोहित avarohita-हिं० वि० [ स० ] उखाड़ने योग्य । (१) गिरनेवाला । (१) अवनत, हीन । अवरोपित araropita-हिं० वि० [सं०] अवरोहितालव्या avarohitālavya-सं० - उखाड़ा हुआ । उन्मूलित । ESTTO ( Descendiug palatinic ) अवरोहः avarohah-सं० पु. अवरोहि स्थूलान्त्र avarohistbālāntra-सं. अवरोह avaroha-हिं० संज्ञा पुं० क्लो०(Descending colon) अधोगामी (१) वटादि वृक्षका अधो विलम्ब-कारडाकार अव वृहदन्त्र । ____ यव विशेष, बर्रोह, बरकी जटा | बटादिर-नामाल अवरोही,-इन् avarohi,-in-सं० प०, हिं० -बं०। (२) अश्वगन्ध | द्रव्य० र०। (३) संज्ञा पु० वट वृक्ष, बर्गद । बट गाछ-बं०। उतार । गिराव । अध: पतन । ( Ficus Bengalensis.)। रा०नि० अवरोहकः avarohakah-सं०पू० ।। व०११। अवरोहक avarohaka-f. अवरोह्यावर्ता avarohyavarta-स. स्त्री० अश्वगन्धा (Withania Somnifera.)| (Descending portion of Jorta.) मद० व०१।-वि० [सं.] गिरने वाला। अधोगा महा धमनी । अवरोहण avarohana-हिं० संज्ञा पु० [सं०] | अवणे avaina-- पु. अक्षर, प्राकार, निन्दा, [वि० अवरोहक, अवरोहित, अवरोही ] नीचे परिवाद । -हिं० वि० [स'०] वर्ण रहित, बिना की ओर जाना । पतन । उतार । गिराव । रंग कः । (२) बदरंग । बुरे रंग का । अवरोहना avarohana-हिं० क्रि० प्र० श्रवत्त avartta-सं० पु०, हिं० संज्ञा पु. पानी [सं० अवरोहण } उतरना। नीचे श्राना ।। का चक्कर, भँवर, नाँद ( Whirlpool.)। क्रि० अ० [सं० श्रारोहण] चढ़ना । ऊपर जाना। (२) घुमाव । चक्कर । [स] (३) स्फूर्तिशून्य क्रि० स० [सं० अवरोधन, प्रा० अवरोहन ] | · पदार्थ । वह पदार्थ जिसके पार पार प्रकाश वा रोकना । सँधना | छेकना। . दृष्टि न जा सके । (४) देखो-श्रावत्त । अधरोह शोखी avaroha-shakhi-सं० पु. श्रवर्तिः avarttih-स.पु. बेचैनी । अथवा पक्ष वृक्ष, पाक(ख)र, पकरी (-डी०)-हिं०। अवर्षण avarshana- हिं• संज्ञा पु' [ ] (Ficus infectoria.)। पाकुड़ गाछ-बं० । वृष्टि का अभाव । वर्षा का प्रभाव वर्षा का न रा०नि०व०११ । होना । अवग्रह । अनावृष्टि । For Private and Personal Use Only

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