Book Title: Arhat Vachan 2002 04
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 6
________________ faufort/ SHORT NOTES जैन गणित के प्रथम विदेशी प्रचारक O प्रो. राधाचरण गुप्त (झाँसी) 4 A Little Known 19th Century Study of the Ganita-Sara-Samgraha D प्रो. श्रेणिक बंडी (इन्दौर) श्रुत पंचमी ऐसे मनायें Prof. R.C. Gupta (Jhansi) जैन गणित के अध्ययन का एक गतिशील केन्द्र होल्कर स्वशासी 103 विज्ञान महाविद्यालय, इन्दौर O ध्यान : एक यात्रा (अ) ज्ञात के उस पार एन. एन. सचदेवा (इन्दौर) धर्म एवं विज्ञान O आख्या / REPOTS - लालचन्द जैन 'राकेश' (गंजबासोदा) डॉ. डेविड यूजीन स्मिथ जतनलाल रामपुरिया (कोलकाता) जैन गणित को समर्पित आर्यिका श्री विशुद्धमती माताजी डॉ. अनुपम जैन (इन्दौर) गतिविधियाँ मत - अभिमत Jain Education International - श्रुत संवर्द्धन पुरस्कार समर्पण समारोह, केकड़ी - 2002 O जयसेन जैन (इन्दौर) - गोपाचल : दशा एवं दिशा, राष्ट्रीय संगोष्ठी, ग्वालियर डॉ. अभयप्रकाश जैन ( ग्वालियर) सिरिभूवलय अनुसंधान परियोजना- बढ़ते कदम डॉ. महेन्द्रकुमार जैन 'मनुज' (इन्दौर) O Dr. Anupam Jain 99 101 For Private & Personal Use Only 105 108 109 पुस्तक समीक्षाएँ / BOOK REVIEWS Ganita-Sara-Samgraha with Kannada Translation by 124 Padmavathamma 111 113 115 119 125 143 अर्हत वचन, 14 (2-3), 2002 www.jainelibrary.org

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