Book Title: Apbhramsa Hindi Vyakaran
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 16
________________ 1. संज्ञा शब्दों के विभक्ति प्रत्यय अकारान्त (पु., नपुं.) (क) प्रथमा एकवचन 1 / 1 (ख) द्वितीया एकवचन 2 / 1 अपभ्रंश भाषा में अकारान्त पुल्लिंग और नपुंसकलिंग संज्ञा शब्दों के प्रथमा विभक्ति एकवचन व द्वितीया विभक्ति एकवचन में 'उ' प्रत्यय जोड़ा जाता है। जैसे प्रथमा एकवचन 1 / 1 (क) देव (पु.) (देव+उ) = देवु (प्रथमा एकवचन) 2. कमल (नपुं.) (कमल + उ ) = कमलु (प्रथमा एकवचन) द्वितीया एकवचन 2/1 (ख) देव (पु.) (देव + 3 ) = देवु (द्वितीया एकवचन ) कमल (नपुं.) (कमल +3 ) = कमलु ( द्वितीया एकवचन) 3. - अकारान्त (पु.) प्रथमा एकवचन 1 / 1 अपभ्रंश भाषा में अकारान्त पुल्लिंग संज्ञा शब्दों के प्रथमा विभक्ति एकवचन में विकल्प से ‘ओ' प्रत्यय भी जोड़ा जाता है। जैसेदेव (पु.) (देव+ओ) = देवो (प्रथमा एकवचन) अन्य रूप - देव, देवा, देवु अकारान्त (पु., नपुं. ) तृतीया एकवचन 3 / 1 अपभ्रंश भाषा में अकारान्त पुल्लिंग और नपुंसकलिंग संज्ञा शब्दों के तृतीया विभक्ति एकवचन में अन्त्य 'अ' का 'ए' करके उसमें 'ण', 'णं' और अनुस्वार (●) जोड़े जाते हैं। जैसे देव (पु.) (देवे+ण / णं) = देवेण / देवेणं (तृतीया एकवचन) (देवें+) = देवें (तृतीया एकवचन) कमल (नपुं.) (कमले +ण /णं) = कमलेण / कमलेणं (तृतीया एकवचन) (कमले + ) = कमलें (तृतीया एकवचन) ० अपभ्रंश - हिन्दी- व्याकरण Jain Education International For Personal & Private Use Only (1) www.jainelibrary.org

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